नई दिल्ली: भारत और रूस के बीच  Ka-226T चॉपर और AK203 राइफल प्रोजेक्ट्स के प्रोड्क्शन के मुद्दों को सुलझाने पर आपसी सहमति बन गई है. इस सप्ताह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के मॉस्को दौरे पर Ka-226T और AK203 उत्पादन के लिए फास्ट-ट्रैकिंग पर चर्चा की गई थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 'दोनों देशों ने इस मसले को हल कर लिया है और इन प्रोजेक्ट को लॉन्च करने के लिए सभी प्रयास किये जाएंगे.'


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Ka-226 T हेलिकॉप्टर प्रोजेक्ट का ऐलान साल 2014 में किया गया था. माना जा रहा है कि यह भारतीय सेना के चीता और चेतक हेलीकॉप्टरों की जगह ले सकता है. इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत भारतीय कंपनियों के बड़े पैमाने पर KA 22T हेलीकॉप्टरों के उत्पादन में भाग लेने की उम्मीद है. कई स्थानीय इंडियन वेंडरों के सप्लायर बनने की उम्मीद है क्योंकि रूस-भारत के इस ज्वाइंट वेंचर ने कई कंपनियों के साथ समझौते पर साइन किये हैं.


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सूत्रों ने कहा, ' कई हेलीकॉप्टर सिस्टमों के एकीकरण के साथ भारत को कुछ महत्वपूर्ण हेलीकॉप्टर टेक्नोलॉजी की भी जानकारी मिलेगी.'


हालांकि भारत-रूस ने काफी समय पहले ही अंतर-सरकारी समझौते पर साइन कर लिया था. लेकिन अभी भी फॉर्मल कॉन्ट्रैक्ट अभी भी साइन नहीं हुआ है और प्रोजेक्ट की लॉन्चिंग लटकी हुई है.


Ka 226t का प्रोडक्शन बेंगलुरु की एक फैक्ट्री में किया जाएगा. Ka226t की अधिकतम गति 220 किमी / घंटा है और यह 785 किलोग्राम के पेलोड के साथ 3600 किलोग्राम वजन उठा सकता है.


AK203 राइफल्स के परिवार का हिस्सा है. इसे कोरवा, अमेठी में इंडो रसिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) ने बनाया था. Kalashnikov राइफलों की तुलना में, AK203 को सबसे बेहतर माना जाता है.


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