करतारपुर कॉरिडोर: भारत ने PAK से कहा, `रोजाना 5 हजार श्रद्धालुओं को मिले वीजा फ्री एंट्री`
भारत ने सुझाव दिया कि श्रद्धालुओं को पैदल करतारपुर गुरुद्वारा जाने की इजाजत दी जाए, कॉरिडोर सप्ताह में सातों दिन खुलना चाहिए.
अमृतसर: करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत-पाक प्रतिनिधियों की पहली बैठक गुरुवार को हुई. एक अधिकारी ने बताया कि भारत प्रतिदिन पाकिस्तान के करतारपुर गुरुद्वारा जाने वाले 5,000 श्रद्धालुओं के लिए वीजा मुक्त प्रवेश चाहता है. भारत ने सुझाव दिया कि श्रद्धालुओं को पैदल करतारपुर गुरुद्वारा जाने की इजाजत दी जाए, कॉरिडोर सप्ताह में सातों दिन खुलना चाहिए.
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव एस सी एल दास ने कहा, 'हमारी तरफ से हमने शुरुआती चरण में कम से कम 5,000 श्रद्धालुओं को प्रतिदिन पवित्र गुरुद्वारा जाने की अनुमति देने की मांग की है.' दास ने बताया कि भारत ने भारतीयों एवं भारतीय मूल के लोगों दोनों के लिए गुरुद्वारे तक पहुंच की मांग की है.
दास ने बताया कि भारत ने इस बात पर जोर दिया कि गलियारा में आवाजाही पूरी तरह वीजा मुक्त होनी चाहिए. उन्होंने बताया, 'किसी दस्तावेज या प्रक्रिया के रूप में अन्य कोई बाधा नहीं होनी चाहिए.' भारत यह भी चाहता है कि पाकिस्तान उन श्रद्धालुओं को भी गुरुद्वारे आने की अनुमति दे जो वहां पैदल जाना चाहते हैं.
भारत-पाक के बीच हुई रचनात्मक वार्ता
एक अधिकारिक बयान में कहा गया भारत और पाकिस्तान अधिकारियों के बीच रचनात्मक वार्ता हुई. भारत और पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर जल्द शुरू करने की दिशा में काम करने पर सहमति जताई. यह बैठक अटारी वाघा सीमा पर भारतीय हिस्से में हुई.
पिछले साल बनी थी भारत-पाक में सहमति
बता दें पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान करतारपुर में गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारत के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ने के लिए कॉरिडोर बनाने को सहमत हुए थे. करतारपुर में सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपना अंतिम समय बिताया था.
करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नरोवाल जिले में रावी नदी के पार स्थिति है जो डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से करीब चार किलोमीटर दूर है. सूत्रों ने बताया कि सरकार ने करतारपुर गलियारे के लिए 50 एकड़ जमीन की पहचान की है. इसका दो चरणों में विकास किया जाएगा.
(इनपुट - एजेंसी)