नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र (UN) के 193 सदस्य देशों की ओर से 2015 में 2030 एजेंडा के रूप में अपनाए गए 17 सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goal) पर पिछले साल की तुलना में दो पायदान फिसलकर भारत 117 वे स्थान पर आ गया है. एक नई रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है.


किस कारण पिछड़ा भारत?


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'भारत में पर्यावरण की स्थिति रिपोर्ट 2021' में सामने आया कि पिछले साल भारत का स्थान 115 था, और अब वह दो स्थान और नीचे चला गया है. ऐसा इसलिए हुआ है कि भुखमरी खत्म करने और फूड सिक्योरिटी हासिल करने (SDG 2), लैंगिक समानता हासिल करने (SDG 5) और फ्लेक्सिबल इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने, समावेशी एवं सतत इंडस्ट्रियलाइजेशन तथा इनोवेशन को बढ़ावा देना (SDG 9) जैसी बड़ी चुनौतियां अब भी देश के सामने हैं.


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बिहार-झारखंड SDG स्कोर में सबसे पीछे


रिपोर्ट में बताया गया कि भारत का स्थान 4 दक्षिण एशियाई देशों- भूटान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश से नीचे है. भारत का कुल SDG स्कोर 100 में से 61.9 है. राज्यवार तैयारियों के बारे में विस्तार से बताते हुए समाचार रिपोर्ट में कहा गया कि झारखंड और बिहार 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सबसे कम तैयार हैं. झारखंड 5 लक्ष्यों में पीछे है जबकि बिहार 7 में. इसमें कहा गया कि जो राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश अच्छे स्कोर के साथ इन लक्ष्यों को पाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं वे हैं- केरल, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़.


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जानिए क्या हैं यून 2030 एजेंडा के 17 लक्ष्य?


गौरतलब है कि सतत विकास (Sustainable Development) के लिए 2030 के एजेंडा को संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों ने 2015 में स्वीकार किया था, जो लोगों और धरती के लिए अभी और भविष्य के लिये शांति एवं समृद्धि की रूप-रेखा उपलब्ध कराता है. सभी देशों- विकसित एवं विकासशील- को जिन दिशाओं में वैश्विक साझेदारी के साथ तत्काल काम करने की जरूरत है, ऐसे 17 लक्ष्य हैं. इनमें गरीबी और भुखमरी खत्म करना, अच्छी सेहत एवं आरोग्य, अच्छी शिक्षा, लैंगिक समानता, साफ पानी एवं स्वच्छता, किफायती एवं स्वच्छ ऊर्जा, अच्छा कार्य एवं आर्थिक विकास, उद्योग, इनोवेशन एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल है. 


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EPI के लिहाज से 168वे नंबर पर है भारत


इसके अलावा असमानता घटाना, स्थायी शहर एवं समुदाय, जिम्मेदार उपभोग एवं उत्पादन, जलवायु कार्रवाई, जल के नीचे जीवन, भूमि पर जीवन, शांति, न्याय एवं मजबूत संस्थान और अंतिम में लक्ष्यों के लिए वैश्विक साझेदारी को ठोस करना भी है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत एनवायरमेंटल परफॉर्मेंस इंडेक्स (EPI) के लिहाज से 180 देशों में से 168वें स्थान पर है. यह पर्यावरणीय सेहत, जलवायु, वायु प्रदूषण, स्वच्छता एवं पेयजल, इकोसिस्टम सर्विस, बायोडायवर्सिटी आदि जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर तय किया जाता है.


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