वो इंटरव्यू जिसके बाद बदल गया देश का माहौल, लोगों ने कहा ZEE जिंदाबाद
कई बार सच दिखाने की कीमत चुकानी पड़ती है और सच के साथ खड़े रहने के लिए युद्ध के मैदान में उतरना पड़ता है. एक ऐसा ही युद्ध Zee TV और उसके विदेशी निवेशक के बीच चल रहा है, जिस युद्ध को 71 वर्ष की उम्र में भी पूरे दमखम के साथ Zee TV के संस्थापक डॉ सुभाष चंद्रा लड़ रहे हैं और अब ये लड़ाई रंग लाने लगी है.
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करोड़ों लोगों ने दिया समर्थन
सिर्फ Twitter पर ही नहीं बल्कि Facebook, Youtube और Instagram पर भी करोड़ों लोगों ने हमें अपना समर्थन दिया. कल प्रसारित हुए इस इंटरव्यू को कल रात 12 बजे तक Zee News के अलग अलग Digital Platforms पर 30 लाख लोगों ने देखा और Zee के 17 अलग-अलग चैनलों के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर 52 लाख लोगों ने देखा. अगर इसमें विदेशी दर्शकों की संख्या भी जोड़ ली जाए तो ये सवा करोड़ से ज्यादा हो जाती है. ये सिर्फ कल रात 12 बजे तक के आंकड़े हैं और इसमें TV देखने वालों के आंकड़े शामिल नहीं हैं. औसतन एक करोड़ लोग हर रोज DNA देखते हैं और इसमें Zee के दूसरे चैनल्स के दर्शकों की संख्या को भी जोड़ दिया जाए तो आप कह सकते हैं कि इस इंटरव्यू को अब तक 10 करोड़ से ज्यादा लोग देख चुके हैं. अमेरिका के सबसे मशहूर News Show हैनिटी को भी हर रात सिर्फ 30 लाख दर्शक ही TV पर देखते हैं.
Zee News के दर्शकों की भी सफलता
Zee News दुनिया के 180 देशों में देखा जाता है इसलिए हम बाकी जगहों से अभी और आंकड़े जुटा रहे हैं यानी इस इंटरव्यू को देखने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है. सुबह होते होते इस इंटरव्यू की चर्चा देश और दुनिया के मीडिया में भी होने लगी. भारत के बड़े-बड़े अखबारों ने इस इंटरव्यू को कोट किया. ये सिर्फ हमारी ही नहीं बल्कि Zee TV और Zee News के दर्शकों की भी सफलता है क्योंकि जब किसी मिशन के लिए करोड़ों अलग-अलग अंगुलियां एक मुट्ठी में बदल जाती हैं तो इसका प्रहार बड़े से बड़ा आक्रमणकारी भी सह नहीं पाता.