नई दिल्ली: भारत (India) ने COVID-19 के घटते मामले देखकर ब्रिटेन (UK) से कहा है कि वह भारत यात्रा प्रतिबंध (India Travel Restrictions) लेकर फिर से समीक्षा करे. ताकि दोनों देशों के बीच उड़ानें शुरू हो सकें. भारत के विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने शनिवार को यह बात कही. 2 दिन के लिए ब्रिटेन की यात्रा पर गए श्रृंगला ने ब्रिटेन के विदेश कार्यालय के अधिकारियों से मुलाकात करके भारत को रेड लिस्‍ट से हटाने का आग्रह किया. वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन के बीच 'रोडमैप 2030' पर सहमति का जायजा लेने के लिए ब्रिटेन गए थे. 


बड़े शहर हुए कोविड फ्री 


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विदेश सचिव ने ब्रिटेन के वरिष्‍ठ अधिकारियों से कहा, 'मुंबई, दिल्ली जैसे बड़े शहर व्यावहारिक रूप से COVID से मुक्त हो गए हैं. लेकिन हम इस स्थिति के बाद भी लगातार सतर्क हैं. हम अपने नागरिकों को सावधानी बरतने के लिए भी कह रहे हैं क्‍योंकि तीसरी लहर आने का खतरा है. वहीं कई देशों ने भारतीयों को यात्रा संबंधी छूट देनी भी शुरू कर दी हैं.'


श्रृंगला ने बताया, 'मैंने यूके के अधिकारियों को भारत में COVID की स्थिति के बारे में जानकारी दी. मैंने बताया कि फ्रांस ने भारत से आने वाले उन लोगों को बिना क्‍वारंटीन के देश में प्रवेश करने के मंजूरी दे दी है, जिनको वैक्‍सीन के दोनों डोज लग चुके हैं और उनकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव है. वहीं हाल ही में अमेरिका ने भी अपनी ट्रैवल एडवाइजरी में भारत की स्थिति अपग्रेड की है. यह उदाहरण देते हुए मैंने यूके को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्‍साहित किया है.'


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अभी 'रेड लिस्‍ट' में है भारत 


मौजूदा नियमों के अनुसार अभी भारत यात्रा, ब्रिटेन के यात्रा प्रतिबंधों की रेड लिस्‍ट के अंतर्गत आता है. इसके तहत भारत के लोगों को ब्रिटेन की यात्रा करने पर प्रतिबंध है. वहीं ब्रिटेन के नागरिक यदि भारत से आते हैं तो पहले उन्‍हें होटल में 10 दिन तक क्‍वारंटीन में रहना होगा. व‍हीं ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका का कोविशील्ड वैक्सीन, जिसका प्रोडक्‍शन भारत में हो रहा है, उसे यूरोपीय संघ (EU) की  मान्यता नहीं मिलने को लेकर विदेश सचिव ने कहा कि एस्ट्राजेनेका ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की ओर से यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (EMA) को आवेदन किया था. 


सदस्‍य देश लेंगे निर्णय 


श्रृंगला ने आगे कहा, 'यूरोपीय संघ ने कहा है कि वे इस मामले में निर्णय लेने का अधिकार अलग-अलग सदस्य राज्यों पर छोड़ देंगे. वैसे यूरोपीय संघ के 14 देशों ने पहले ही कोविशील्ड को मान्यता दे दी है, उनमें से 2 ने कोवाक्सिन सू मोटो को भी मान्यता दी है. अब हम सभी देशों से कह रहे हैं कि आप पारस्परिक आधार पर हमारे वैक्सीन को मान्यता दें.'


वहीं भारत के टीकाकरण अभियान को लेकर विदेश सचिव ने कहा कि वैक्सीन के 41 करोड़ डोज दिए जा चुके हैं और टीकाकरण में तेजी लाने के लिए प्रोडक्‍शन बढ़ाया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'हमारी कोशिश है कि हम यह सुनिश्चित करें कि देश में सभी पात्र 95 करोड़ नागरिकों को टीका लग जाए, ताकि हम ऐसी इम्‍युनिटी पा सकें जो COVID-19 के प्रभाव को कम से कम कर दे.'