भारत-अमेरिका के बीच रणनीति एवं वाणिज्यिक वार्ता शुरू, आतंकवाद से मिलकर लड़ने का जताया संकल्प
भारत और अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ बैठक से पहले संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय सुरक्षा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए मंगलवार को प्रथम रणनीति एवं वाणिज्यिक वार्ता शुरू की। इस मौके पर जारी साझा बयान में दोनों देशों ने पाकिस्तान से मुंबई के 26/11 हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने पर जोर दिया।
वाशिंगटन : भारत और अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ बैठक से पहले संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय सुरक्षा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए मंगलवार को प्रथम रणनीति एवं वाणिज्यिक वार्ता शुरू की। इस मौके पर जारी साझा बयान में दोनों देशों ने पाकिस्तान से मुंबई के 26/11 हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने पर जोर दिया।
भारत और अमेरिका ने दोहराया कि पाकिस्तान 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाए। साथ ही दोनों देशों ने दोहराया कि दुनिया पर डी-कंपनी, लश्कर-ए-तैयबा, अल-कायदा और हक्कानी नेटवर्क का खतरा बना हुआ है।
वार्ता के संपन्न होने पर भारत और अमेरिका ने आतंकवाद निरोधक सहयोग पर अलग अलग संयुक्त बयान जारी करते हुए आतंकवाद से एक साथ लड़ने का संकल्प लिया। सुषमा ने कहा कि संयुक्त बयान लश्कर ए तैयबा, हक्कानी नेटवर्क और डी कंपनी जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ समान रूख पर दोनों देशों की प्रतिबद्धता दोहराता है।
सुषमा ने संयुक्त बयान पढ़ते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘हम (भारत और अमेरिका) दोहराते हैं कि अलकायदा, लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद, डी कंपनी (दाऊद इब्राहिम), हक्कानी नेटवर्क और अन्य क्षेत्रीय समूहों से पैदा खतरा दक्षिण एशिया में स्थिरता को कमतर करता है। और हम पाकिस्तान से 2008 मुंबई आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं।’
उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवादियों द्वारा भारत में किये गये आतंकी हमले पर कहा, ‘हम (भारत और अमेरिका) पंजाब के गुरदासपुर में 27 जुलाई 2015 के आतंकवादी हमले और उधमपुर के पांच अगस्त 2015 के हमले की निंदा करते हैं।’ सुषमा ने कहा कि संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देश आतंकवाद को खत्म करने के लिए इससे लड़ने को प्रतिबद्ध हैं।
एक सवाल के जवाब में केरी ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ इस जंग में एक साथ मिलकर अपने प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इससे पहले अपने अमेरिकी समकक्ष जॉन केरी के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने द्विपक्षीय संबंधों में वरीयता वाले क्षेत्रों को रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका एवं वाणिज्यिक वार्ता का उदघाटन किया।
सुषमा ने कहा कि भारत और अमेरिका बढ़े हुए सहयोग की राह पर हैं। उन्होंने कहा, ‘यह भारत-अमेरिका संबंधों के लिए बहुत व्यस्त समय है। यह जरूरी है कि हम अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए समय सीमा तय करें।’ उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले दोनों देशों के बीच बहुत सार्थक चर्चा के लिए केरी का शुक्रिया अदा किया।
केरी ने कहा कि भारत और अमेरिका साथ मिलकर कहीं अधिक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार से संतुष्ट नहीं है और भरोसा जताया कि अगले कुछ साल में यह पांच गुणा बढ़ सकता है।
केरी ने कहा कि प्रधानमंत्री केरी अगले हफ्ते राष्ट्रपति ओबामा से मिलेंगे। सुषमा ने कहा कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों में पिछले साल से प्रभावशाली प्रगाढ़ता, दायरा और उपलब्धियों का स्तर नेतृत्व के लिए एक प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका का उभरता हुआ राजनीतिक, रणनीतिक और सुरक्षा परिदृश्य अंतरराष्ट्रीय भू राजनीति से आकार ग्रहण करना जारी रखेगा। सुषमा ने कहा कि ठोस सहयोग एजेंडा को रणनीतिक हितों के बढ़ते समन्वय और पारस्परिक चिंताओं से आकार दिया गया है जिनमें हिंद महासागर क्षेत्र और एशिया प्रशांत भी शामिल है। उन्होंने कहा कि यह वार्ता हमें यह मूल्यांकन करने का मौका देता है कि अपने लिए हमने जिन लक्ष्यों को निर्धारित किया था उस दिशा में हम कहां खड़े हैं। साथ ही यह भविष्य के लिए लक्ष्य एवं उदद्देश्य निर्धारित करने का भी अवसर प्रदान करता है।
उन्होंने कहा, ‘हमारा दृढ़ता से मानना है कि आर्थिक रूप से समृद्ध भारत अमेरिकी उद्योग एवं पूंजी को एक दीर्घकालीन अवसर पेश करेगा।’ वार्ता में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व करने के लिए सुषमा सोमवार को यहां पहुंची थी। शिष्टमंडल में वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन और ऊर्जा मंत्री पीयुष गोयल भी शामिल हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)