India US MQ 9B Predator Drone Deal: अपनी मजबूत नौसेना के बल पर चीन जिस तरह दक्षिण चीन सागर के साथ ही हिंद महासागर में भी हावी होने की कोशिश कर रहा है. उसे देखते हुए भारत भी पूरी तरह चौकस है और ड्रैगन का फन कुचलने के लिए लगातार अपनी तैयारियों को बढ़ा रहा है. हिंद महासागार में अपना दबदबा बरकार रखने के लिए भारत पिछले कई वर्षों से अमेरिका से 31 MQ-9B प्रिडेटर ड्रोन हासिल करने के लिए बातचीत कर रहा है. इसके साथ ही वह अपना खुद का अत्याधुनिक निगरानी ड्रोन तैयार करने की कोशिश में भी है. अब उसे इस दिशा में अमेरिका ने बड़ा प्रस्ताव दिया है. 


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सोमवार को होगी रक्षा खरीद परिषद की बैठक


अमेरिका ने कहा है कि अगर भारत उससे MQ-9B ड्रोन डील को आगे बढ़ाता है तो वह उसे स्वदेशी ड्रोन विकसित करने में कंसलटेंसी प्रदान करेगा. यूएस के इस प्रस्ताव पर अब सोमवार को रक्षा खरीद परिषद की होने वाली बैठक में चर्चा होने की उम्मीद है. नई सरकार के गठन के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में होने वाली परिषद की यह पहली बैठक होगी. इस बैठक में देश की सुरक्षा से जुड़े कई अहम मुद्दों पर बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. 


सूत्रों के मुताबिक अगर रक्षा खरीद परिषद की बैठक में अमेरिकी प्रस्ताव पर मुहर लग जाती है तो इससे भारत को दो बड़े फायदे होंगे. एक तो उसे दुनिया के अत्याधुनिक टोही विमान MQ-9B ड्रोन तुरंत मिलने शुरू हो जाएंगे, जिससे चीन और पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सामरिक क्षमता में बहुत इजाफा हो जाएगा. दूसरा, अमेरिका की कंसलटेंसी मिलने की वजह से भारत को अपना खुद का टोही ड्रोन बनाने में लगने वाले वक्त में कमी आएगी. 


40 हजार फीट तक उड़ने में सक्षम


MQ-9B ड्रोन लगातार 36 घंटे तक 40,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम हैं. यह मुख्यत टोही भूमिका के लिए बनाया गया है. लेकिन इसमें हवा से जमीन पर मार करने वाली हेलफायर मिसाइलें और स्मार्ट बम लगाकर दुश्मन के परखचे भी उड़ाए जा सकते है. यह ड्रोन खुफिया, निगरानी और टोही, सभी तरह के मिशनों में माहिर है. इसके जरिए 3 हजार किमी दूर तक के इलाकों की निगरानी की जा सकती है. 


चीन- पाक का काल बनेंगे MQ-9B ड्रोन?


भारत इस तरह के 31 ड्रोन अमेरिका से खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है. इनमें से 15 ड्रोन भारतीय नौसेना को मिलेंगे. जबकि 8- 8 ड्रोन सेना और वायु सेना को दिए जाएंगे. भारतीय नौसेना की ओर से MQ-9B ड्रोन को चेन्नई के पास INS राजाजी और गुजरात के पोरबंदर समेत चार स्थानों पर तैनात करने की योजना है. 


वहीं सेना और वायु सेना अपने हिस्से के 16 ड्रोन को यूपी के सरसावा और गोरखपुर में संयुक्त रूप से तैनात करेंगी. ऐसा करने से लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत की निगरानी क्षमता और मजबूत हो पाएगी और चीन की प्रत्येक गतिविधि पर भारत की निगाह बनी रहेगी. 


(एजेंसी ANI)