Rafale M Deal: भारत देश लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने में लगा हुआ है. ऐसे में खबर है कि फ्रांस के साथ राफेल-एम, स्कॉर्पीन समझौते पर जल्द मुहर लग सकती है. इससे पहले जुलाई 2023 में रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस से 22 राफेल (एम) जेट की खरीद को मंजूरी दी थी. जानकारी के अनुसार समझौते अंतिम चरण में हैं और सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) को इन पर विचार करना होगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मामले से वाकिफ लोगों ने बृहस्पतिवार को जानकारी दी है कि भारत अपनी नौसेना की शक्ति बढ़ाने के लिए फ्रांस से राफेल लड़ाकू जेट के 26 नौसैनिक संस्करण और तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बी की खरीद पर अगले कुछ हफ्ते में मुहर लगा सकता है.  हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि राफेल-एम और स्कॉर्पीन की खरीद संबंधी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी पेरिस यात्रा के दौरान की जाएगी या नहीं. बता दें कि पीएम मोदी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) पर आधारित दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 10-11 फरवरी को पेरिस की यात्रा करेंगे. 


शिखर सम्मेलन से इतर उनके फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से द्विपक्षीय वार्ता करने की संभावना है. मामले के जानकार लोगों ने बताया कि दोनों समझौते अंतिम चरण में हैं और सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) को इन पर विचार करना होगा. इससे पहले जुलाई 2023 में रक्षा मंत्रालय ने फ्रांस से  मुख्य रूप से स्वदेशी रूप से निर्मित विमान वाहक आईएनएस विक्रांत पर तैनाती के लिए 22 राफेल (एम) जेट की खरीद को मंजूरी दी थी. मंत्रालय ने फ्रांस से तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बी की खरीद को भी स्वीकृति दे दी थी.


भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट-75 के तहत फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) भारत में छह स्कॉर्पीन पनडुब्बी का निर्माण पहले ही कर चुका है. राफेल-एम जेट के साथ-साथ हथियार प्रणालियों और कलपुर्जों सहित संबंधित सहायक उपकरणों की खरीद एक अंतर-सरकारी समझौते (आईजीए) पर आधारित होगी. भारतीय वायुसेना ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान उड़ने लायक स्थिति में खरीदे थे.वायुसेना का मानना है कि उसे राफेल जेट के कम से कम दो और बेड़े की खरीद करनी चाहिए. (भाषा)