India Pakistan: क्या भारत ने शुरू कर दी है PoK को वापस लेने की तैयारी, IAF की ताकत देख दहशत में पाकिस्तान
India Pakistan in Hindi: क्या भारत ने पीओके वापस लेने की टाइमलाइन तय कर दी है. कश्मीर में भारतीय वायुसेना के साथ जिस तरह सेना भी अभ्यास में जुटी है, उससे पाकिस्तान में घबराहट है.
Indian Air Force Gaganshakti Drill: क्या भारत ने PoK को वापस पाने के लिए मेगा ड्रिल शुरू कर दी है. भारतीय वायुसेना एलओसी से लेकर पूरे देश में इस जबरदस्त अभ्यास कर रही है, जिसे देख पाकिस्तानी सेना और वहां के हुक्मरान सदमे में हैं. भारतीय वायुसेना की इस ड्रिलि को ऑपरेशन पीओके की तैयारी माना जा सकता है. असल में देश में इस समय एयरफोर्स एक एक्सरसाइज कर रही है जिसका नाम है गगनशक्ति-2024. इस ऑपरेशन को देश के कई इलाकों के साथ कश्मीर घाटी के उत्तरी सेक्टर में भी अंजाम दिया गया. भारत की ऐसी तैयारियों से पाकिस्तान में पीओके वाला डर शुरु हो गया होगा.
ऑपरेशन PoK को अंजाम देने के लिए तैयार वायुसेना
भारतीय वायुसेना ऑपरेशन PoK को अंजाम देने के लिए तैयार है. तैयारियां सिर्फ दिन में ही नहीं बल्कि रात में भी हो रही है. एयरफोर्स के फाइटर जेट से लेकर हेलीकॉप्टर तक.. मिलिट्री का साजो-सामान सब मिलकर बार-बार प्रैक्टिस कर रहे हैं. वायुसेना ने एक्सरसाइज गगन शक्ति 2024 के जरिए कश्मीर घाटी में हेलीकॉप्टरों को ऑपरेट किया. कश्मीर के उत्तरी इलाके में वायुसेना ने एक इमरजेंसी लैंडिंग फेसिलिटी से रात में ऑपरेशन को अंजाम दिया.
इस ड्रिल में वायुसेना के तीन महत्वपूर्ण हेलीकॉप्टर, चिनूक, MI-17 और एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर को इस्तेमाल किया गया. इन तीनों हेलीकॉप्टरों से बड़ी संख्या में सैनिकों को एयरलिफ्ट करके एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया गया. ऐसा करके बहुत कम वक्त में ही सैनिकों को किसी खास इलाके में पहुंचाया जा सकता है. कश्मीर के अनंतनाग में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के साढ़े 3 किलोमीटर के एक हिस्से पर आपातकालीन लैंडिंग का ऑपरेशन हुआ.
जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर की गई मिलिट्री ड्रिल
यह दरअसल जम्मू कश्मीर राजमार्ग पर किया गया. इसका आमतौर पर इस्तेमाल खासकर युद्ध के समय या बाढ़ के समय एनडीआरएफ जब बचाव कार्य करती है और उसे राहत सामग्री बांटनी होती है, तब इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इसीलिए इसे काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. वर्ष 2020 में इसका निर्माण शुरू हुआ था और 119 करोड रुपए की लागत से यह स्ट्रिप तैयार की गई. इसे कश्मीर घाटी के लिए स्ट्रैटेजिक पॉइंट ऑफ़ व्यू से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
इंडियन एयरफोर्स ने ऐसी ही सिक्योरिटी ड्रिल कई दूसरे इलाकों में भी की. इमरजेंसी लैंडिंग फेसिलिटी से रात में सैनिकों के काम करने की क्षमता और बेहतर होगी. रात के ऑपरेशन में किसी तरह की रोशनी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. ऐसे ऑपरेशन में साफ-साफ देखने के लिए पायलट और सैनिक, नाइट विजन डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं. ये नाइट विजन डिवाइस रात में भी दिन की तरह देखने की सुविधा देते हैं.
पाकिस्तान को सताने लगा अनजाना डर
घुप अंधेरे में दुश्मनों की नजरों से बचकर सैनिकों को कुछ ही समय में हेलीकॉप्टरों से सैकड़ों किलोमीटर दूर तक पहुंचाया जा सकता है. यानी आज की तैयारी भविष्य में वायुसेना के किसी ऑपरेशन का हिस्सा हो सकती है. वायुसेना पहले सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए ऐसा ऑपरेशन को अंजाम दे चुकी है. लेकिन जब भी ऐसा कोई ऑपरेशन कश्मीर में होता है तो पाकिस्तान को पीओके वाला डर सताने लगता है.. 24 घंटे पहले पीएम मोदी ने ऐसा बयान दिया, जिसने इस्लामाबाद की टेंशन को चार गुना बढ़ा दिया है.
पीएम मोदी ने कहा, 'जब तक इंडी एलायंस के लोग सत्ता में रहे, इन्होंने हमारे जवानों के हाथ बांधकर रखे. ये हमारे जवानों को जवाब देने की इजाजत नहीं देते थे. हमने सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन का अधिकार भी दिया और सीमा पर पलटवार की खुली छूट दी. आज दुश्मन को भी पता है ये मोदी है, ये नया भारत है. ये नया भारत घर में घुसकर मारता है.'
2024 में ही पीओके में कुछ बड़ा होने वाला है?
क्या नया भारत का अगला मिशन पीओके में शुरु होनवाला है? 2024 में ही पीओके में कुछ बड़ा होने वाला है..एयरफोर्स के ऑपरेशन को देखकर सीमा पार चल रही पीओके वाली बेचैनी गलत नहीं है. वायुसेना के साथ सेना भी इस अभ्यास में शामिल है. सेना की पश्चिमी कमांड के सैनिकों ने एक हेलीकॉप्टर की मदद से आसमान में पहुंचकर वहां से छलांग लगाई. इस तरीके को कॉम्बैट फ्री फॉल कहा जाता है. इसमें 30 हजार फीट तक की ऊंचाई से जंप लगाकर पैराट्रूपर्स बिना दुश्मन को बताए उसके इलाके में सुरक्षित पहुंच सकते हैं.
ऐसे ऑपरेशन दिन या रात किसी भी समय अंजाम दिये जा सकते हैं. सभी स्काई डाइवर्स एकसाथ हेलीकॉप्टर से छलांग लगाते हैं. इनकी कलाई पर एक मशीन लगी होती है, जो इन्हें पैराशूट खोलने का सही समय बताती है. फिर तय समय पर पैराशूट को डिप्लॉय कर दिया जाता है, जो इनके नीचे गिरने की रफ्तार को धीमा कर देता है. ऐसे किसी मिलिट्री ऑपरेशन में कमांडो, साजो-सामान और गोला-बारूद लेकर सिर्फ दो मिनट में ही आसमान से जमीन पर पहुंचा जा सकता है.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के बयान के मायने
ऐसा लगता है सेना किसी भी तरह के ऑपरेशन के लिए तैयार है. और इसकी तस्वीरें जारी करके संदेश भी दे रही है. जिसकी तैयारी सेना की वही पश्चिमी कमांड कर रही है जिसकी तैनाती पाकिस्तान सीमा पर है. सीमा पर क्या हो रहा है इसका इशारा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी अपने भाषण में दे रहे हैं.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'आपको समाचार पत्रों के माध्यम से जानकारी मिल रही होगी कि सीमा पर तैनात हमारे जवान किस तरह का करिश्माई काम कर रहे हैं. हमारे सेना के जवानों ने जो करिश्माई काम किया है, सारे विश्व को संदेश चला गया है. बहनों और भाइयों कि भारत अब कमजोर भारत नहीं रहा है बल्कि भारत अब दुनिया का ताकतवर देश बन चुका है.'
पीओके को वापस लेने की टाइमलाइन हुई तय
रक्षा मंत्री का मैसेज बॉर्डर के दूसरी तरफ भी जरूर सुना गया होगा. राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ताकतवर देश बन चुका है तो क्या पीओके वापस लेने की तैयारी पूरी हो चुकी है..वायुसेना की एक और तैयारी कुछ ऐसा ही बता रही है. जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में वायुसेना ने रात में ऑपरेशन किया. अनंतनाग से 950 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के उन्नाव में सड़क पर लड़ाकू विमान को लैंड करने का ऑपरेशन किया गया.
भारत से फाइटर एयरक्राफ्ट की आहट आई तो पाकिस्तान में घबराहट बढ़ गई. अगर कभी संघर्ष हुआ तो वायुसेना के यही लड़ाकू विमान मोर्चे पर दुश्मनों को बर्बाद करते नजर आएंगे..यानी संभव है कि पीओके से ऐसी ही तस्वीरें आएंगी. पीएम मोदी कई बार ऐसे मैसेज दे चुके हैं. अब लग रहा है कि 2024 में भारत ने पीओके वापसी की समयसीमा ठान ली है और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर पर भारत का ऐलान सुनकर इस्लामाबाद हलकान हो गया है.