हैदराबाद: भारतीय वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया (IAF Chief RKS Bhadauria ) ने शनिवार को कहा कि तेजी से बदल रही सुरक्षा चुनौतियों और पड़ोस एवं अन्य क्षेत्रों में बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के मद्देनजर हमारे देश की वायुसेना (Indian Air Force) प्रौद्योगिकियों को तेजी से शामिल करके परिवर्तन के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रही है.


सुरक्षा चुनौतियों के कारण बदलाव


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भदौरिया ने यहां वायु सेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड (CGP) को संबोधित करते हुए कहा, ‘भारतीय वायुसेना परिवर्तन के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रही है. हमारे अभियानों के हर पहलू में प्रौद्योगिकियों और लड़ाकू शक्ति का जितनी तेजी से समावेश अब हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ. यह हमारे पड़ोस और अन्य क्षेत्रों में बढ़ती भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के साथ हमारे सामने मौजूद अभूतपूर्व और तेजी से बदल रहीं सुरक्षा चुनौतियों के कारण है.’



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परेड की समीक्षा


वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय वायु सेना में निर्धारित समयानुसार 2022 तक 36 राफेल विमान शामिल हो जाएंगे. भदौरिया ने कहा कि पिछले कुछ दशकों ने हर संघर्ष में जीत हासिल करने में वायु शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका स्पष्ट रूप से स्थापित की है और इसी के मद्देनजनर भारतीय वायुसेना की क्षमता में जारी वृद्धि काफी महत्व रखती है.


इससे पहले, वायुसेना प्रमुख ने परेड की समीक्षा की. उन्होंने कोविड-19 महामारी (Covid-19) के खिलाफ राष्ट्रीय लड़ाई में वायुसेना की महत्वपूर्ण भूमिका का भी जिक्र किया.


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