नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन (China) के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच भारतीय सेना (Indian Army) लगातार सतर्कता बरत रही है और जवान हर तरह का सामना करने के लिए तैयार हैं. अगर सीमा पर दुश्मन बुरी नीयत के साथ सरहत को लांघने की कोशिश करता है तो भारतीय सेना के जवान पलक झपकते उनका खात्म कर देंगे. इस बीच सेना के जवानों ने गुरुवार को पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में अभ्यास के जरिए अपनी तैयारी परखी और दुश्मन को हद में रहने का संदेश दिया.


15 हजार फीट की ऊंचाई पर किया अभ्यास


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लद्दाख की सुरक्षा के लिए चीन की सीमा पर तैनात भारतीय सेना (Indian Army) की 14वीं कॉर्प ने 15000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई वाले इलाके में टैंकों के बड़े अभ्यास के जरिए अपनी तैयारी परखी. इस मौके पर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ​पीजीके मेनन (Lt General PGK Menon) भी इस अभ्यास में मौजूद थे.



सेना के जवानों ने टैंकों से दागे गोले


अभ्यास के दौरान भारतीय सेना के जवानों ने टैंकों ने पूर्वी लद्दाख में गुरुवार को दिनभर चले अभ्यास में सेना की स्नो लेपर्ड ब्रिगेड के टैंकों ने लक्ष्य पर सटीक गोले दागकर युद्ध लड़ने की अपनी तैयारी का परिचय दिया. सेना के टी-90 भीष्म और टी-72 अजय जैसे टैंकों ने युद्ध अभ्यास के दौरान अपनी मारक क्षमता दिखाई, जिसकी गर्जना सरहद पार कर चीन की सेना तक भी पहुंची.



कमांडर ने बढ़ाया जवानों का हौंसला


कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ​पीजीके मेनन (Lt General PGK Menon) ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर इस युद्धाभ्यास में आक्रामक तेवर दिखाने वाले सेना की आर्मड रेजीमेंट के जवानों से बातचीत की और उनका हौसला बढ़ाया.



पिछले साल मई से जारी है सीमा पर विवाद


बता दें कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर विवाद पिछले साल मई में शुरू हुआ था, जब चीन ने लद्दाख के अक्साई चिन की गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत की ओर से सड़क निर्माण को लेकर आपत्ति जताई थी. 5 मई को भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प होने के बाद सैन्य गतिरोध पैदा हो गया.



इसके बाद चीनी सैनिक 9 मई को सिक्किम के नाथू ला (Nathu La) में भी भारतीय सैनिकों के साथ उलझ गए थे, जिसमें कई सैनिकों को चोटें आई थीं. इसके बाद 15 जून को भी लद्दाख की गलवान घाटी (Galwan Valley) में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे.