कहां भाग रहे हो... भारतीय कोस्ट गार्ड ने बीच समुद्र में पाकिस्तानी जहाज को दौड़ाया, कैद से 7 मछुआरों को बचाया
Indian Fishermen Caught By Pakistan: पाकिस्तान की मैरिटाइम सिक्योरिटी एजेंसी 7 भारतीय मछुआरों को पकड़कर ले जा रही थी. भारतीय कोस्ट गार्ड की टुकड़ी ने सभी को सकुशल बचा लिया है.
India Pakistan News: भारतीय कोस्ट गार्ड (ICG) ने सात मछुआरों को पाकिस्तान की जेलों में सड़ने से बचा लिया. पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी (PMSA) का एक जहाज इन्हें पकड़कर ले जा रहा था. कोस्ट गार्ड के जहाज ने पाकिस्तानी जहाज को दौड़ा लिया और काफी दूर तक पीछा किया. सायरन बजाकर बार-बार चेतावनी भी दी गई. आखिरकार पाकिस्तानी जहाज को रोका गया और भारतीय मछुआरों को छुड़ा लिया गया. सभी मछुआरों की सेहत ठीक है, लेकिन उनकी नाव 'काल भैरव' क्षतिग्रस्त होकर डूब गई.
समुद्र में दो घंटे तक किया पीछा
कोस्ट गार्ड को रविवार दोपहर एक डिस्ट्रेस सिग्नल मिला. यह सिग्नल पाकिस्तान के साथ समुद्री सीमा रेखा के पास मौजूद एक मछली पकड़ने वाली नाव से आया था. फौरन ही, कोस्ट गार्ड का जहाज 'अग्रिम' निकल पड़ा. उसने समुद्री बॉर्डर के पास पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (PMSA) के जहाज 'नुसरत' को देखा. पाकिस्तानी जहाज पीछे हट रहा था लेकिन 'अग्रिम' ने उसका पीछा किया. करीब दो घंटे तक पीछा करने के बाद, आईसीजी जहाज ने पीएमएसए जहाज को रोका.
रक्षा अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, 'पाकिस्तानी जहाज पर मौजूद अधिकारियों को साफ तौर पर किसी भी हालत में भारतीय कोस्ट गार्ड पाकिस्तानी जहाज को भारतीय जल क्षेत्र से मछली पकड़ने वाली नाव (काल भैरव) से भारतीय मछुआरों को ले जाने की अनुमति नहीं देगा.'
मछली पकड़ने वाली नाव डूबी
इंडियन कोस्ट गार्ड ने एक बयान में कहा, 'ICG जहाज ने 17 नवंबर 24 को भारत-पाकिस्तान समुद्री सीमा के पास पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी के जहाज द्वारा पकड़े गए सात भारतीय मछुआरों को सफलतापूर्वक बचाया. PMSA जहाज द्वारा पीछे हटने के प्रयासों के बावजूद, आईसीजी जहाज ने PMSA जहाज को रोका और उन्हें भारतीय मछुआरों को छोड़ने के लिए राजी किया. दुर्भाग्य से, भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव काल भैरव को घटना के दौरान क्षतिग्रस्त होने और डूबने की सूचना मिली.
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ICG ने बयान में बताया कि 'अग्रिम' इन मछुआरों को लेकर 18 नवंबर को ओखा हार्बर लौट आया. यहां पर आईसीजी, राज्य पुलिस, खुफिया एजेंसियों और मत्स्य अधिकारियों की संयुक्त जांच की गई ताकि टक्कर की परिस्थितियों और उसके बाद के बचाव अभियान की जांच की जा सके.