नई दिल्ली: भारतीय तटरक्षक दल (Indian coast guard) ने अंडमान सागर में फंसे 81 रोहिंग्याओं को बचाया है. करीब दो सप्ताह से ये लोग समंदर में फंसे हुए थे. भारत के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में बताया. जानकारी के मुताबिक रोहिंग्या लोगों को लेकर जा रही मोटर बोट का इंजन खराब हो गया था, जिसके बाद से सभी लोग समंदर में ही फंस गए थे और इनके पास खाने-पीने का सामान भी नहीं बचा था. इनमें से अधिकतर लोगों की हालत बेहद खराब है. जानकारी ये भी मिली है कि मोटर बोट में ही 8 लोग बीमारियों की वजह से मर गए, जबकि एक व्यक्ति लंबे समय से लापता है. माना जा रहा है कि वो समंदर में ही कहीं गिर गया.


विदेश मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस


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भारत के विदेश मामलों की मंत्रालय (Ministry of External Affairs) के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि 15 फरवरी को रोहिंग्या लोगों को लेकर जा रही बोट का इंजन फेल हो गया था. क्योंकि वो बोट लगातार चार दिनों से चल रही थी. इसके बाद ये मोटर बोट अंडमान सागर के आसपास बीच समंदर में ही रुक गई थी और बोट पर खाने पीने के सामान की कमी हो गई थी. इसके बाद बीमारियों की चपेट में आए 8 लोगों की मौत हो गई, वहीं 1 व्यक्ति 15 फरवरी से ही लापता है. इन रोहिंग्या लोगों के बारे में यूएन ने सूचना दी थी, जिसके तुरंत बाद कार्रवाई करते हुए भारतीय तटरक्षक बल के दो जहाज मौके पर पहुंचे और इन्हें बचाया. ये लोग बांग्लादेश से चले थे और मलेशिया पहुंचने की फिराक में थे.


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बचाए गए लोगों में 23 बच्चे शामिल


अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि जिन लोगों को बचाया गया है, उसमें से अधिकतर बीमारी की हालत में है. कुल 81 लोगों में से 23 बच्चे हैं. ये लोग करीब 2 सप्ताह पहले बांग्लादेश से चले थे. इनमें से अधिकतर लोग डिहाइड्रेशन के शिकार हो गए. अब उनके बोट का मोटर बनवा कर और जरूरी मदद पहुंचाने के बाद उन्हें रवाना किया जाएगा. अगर वो बांग्लादेश वापस जाना चाहेंगे, तो उसमें भी उनकी मदद की जाएगी.