वॉशिंगटन: तालिबान (Taliban) की वजह से अफगानिस्तान (Afghanistan) में बने हालात पर भारत के विदेश सचिव हर्ष वी. श्रृंगला (Harsh V Shringla) ने कहा कि तालिबान ने अफगानिस्तान में चुनी हुई सरकार की जगह ले ली है और पाकिस्तान (Pakistan) ने तालिबान को सपोर्ट किया है.


तालिबान की कामयाबी में पाकिस्तान का बड़ा रोल


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हर्ष वी. श्रृंगला ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान का पड़ोसी देश है. उसने ही पाकिस्तान को पाला. तालिबान की जीत में पाकिस्तान की बड़ी भूमिका है.


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हालात पर भारत की पैनी नजर


उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता इंटरनेशनल कम्युनिटी इस तरह से चुपचाप रहेगी. अफगानिस्तान में जमीन पर हम नहीं हैं. फिर भी हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और अन्य देशों के संपर्क में हैं.


आतंकियों से पाकिस्तान के संबंध


जानकारों का मानना है कि अफगानिस्तान की सरकार को हटाकर तालिबान के वहां की सत्ता पाने में पाकिस्तान का बड़ा रोल है. पाकिस्तान का आतंकियों के साथ संबंध है.



यूएन मॉनिटरिंग रिपोर्ट के मुताबिक, अल कायदा के ज्यादातर आतंकी अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बॉर्डर वाले इलाकों में रहते हैं. ISIS-K और अल कायदा में शामिल होने के लिए ज्यादातर विदेशी नागरिक पाकिस्तान से होते हुए ही अफगानिस्तान पहुंचे. तालिबान के कई बड़े लीडर भी पाकिस्तान में रहते हैं.


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जान लें कि अफगानिस्तान के ज्यादातर प्रांतों पर तालिबान का कब्जा हो चुका है. बहुत जल्द वहां तालिबान की सरकार के गठन का ऐलान हो सकता है.


इस बीच तालिबान ने दावा किया है कि उसके आतंकवादियों ने पंजशीर पर कब्जा कर लिया. हालांकि अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा है कि तालिबान का दावा सिर्फ एक अफवाह है. पंजशीर अभी भी उनके कब्जे में है.


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