Imphal Stealth Destroyer: इंडियन नेवी (Indian Navy) को गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर वाला तीसरा स्टील्थ डिस्ट्रॉयर वॉरशिप इंफाल (Imphal) मिल गया है. इंफाल वॉरशिप सरफेस टू सरफेस सुपरसोनिक 'ब्रह्मोस' मिसाइल से लैस है. इसमें मीडियम रेंज की सरफेस टू एयर 'बराक-8' मिसाइल भी लगी हुई है. इंफाल में पानी के अंदर जंग करने के लिए भारत में ही विकसित एंटी-सबमरीन वेपन और सेंसर भी है. इसके अलावा इंफाल में हेवी वेट टॉरपीडो ट्यूब लॉन्चर और रॉकेट लॉन्चर भी फिट किया गया है. इससे दुश्मन के जहाज और पनडुब्बियां थर-थर कांपेंगे. इसके अलावा इंफाल में वूमन वॉरियर का भी खास रोल रहेगा. आइए इसके बारे में जानते हैं.


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इंफाल की ताकत क्या है?


रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इंफाल वॉरशिप को स्वदेशी इस्पात डीएमआर 249ए से बनाया गया है. ये वॉरशिप भारत के सबसे बड़े विध्वंसकों में एक है. इंफाल की लंबाई 164 मीटर और क्षमता 7500 टन से ज्यादा है. इंफाल में एक शक्तिशाली प्लेटफार्म है जो समुद्री जंग में मोर्चा संभाल सकता है और तमाम मिशनों को अंजाम दे सकता है.


एडवांस ब्रह्मोस मिसाइलों से है लैस


रक्षा मंत्रालय के अनुसार, माझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने इंडियन नेवी को प्रोजेक्ट 15बी श्रेणी का ये गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर, स्टील्थ विध्वंसक वॉरशिप सौंपा है. नेवी का मानना है कि इंफाल सभी समुद्री टेस्टिंग पूरी कर ली हैं. इंफाल में लॉन्ग रेंज और एडवांस ब्रह्मोस मिसाइलें लगाई जाएंगी. इसके अलावा, इंफाल पहला ऐसा वॉरशिप है, जिसमें महिला अधिकारियों और वूमन वॉरियर्स के लिए अलग से ठहरने की व्यवस्था है.


कितनी स्पीड से चलता है इंफाल?


इंफाल में 312 क्रू की क्षमता है. इसमें चार रिवर्सेब्ल गैस टर्बाइन लगे हैं, जिनकी मदद से यह 55 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा स्पीड से भी समुद्र में चल सकता है. बता दें कि इंडियन नेवी में पहला वॉरशिप पी15बी विशाखापत्तनम 21 नवंबर 2021 को कमीशन किया गया था. वहीं, दूसरा वॉरशिप मोरमुगाओ 18 दिसंबर 2022 को कमीशन हुआ. वहीं, तीसरा वॉरशिप इंफाल 20 अक्टूबर 2023 इंडियन नेवी को सौंपा गया. वहीं, चौथा वॉरशिप सूरत को 17 मई 2022 को लॉन्च हुआ था और ये अभी आउटफिटिंग की एडवांस स्टेज पर है.


इंफाल का नाम सुन कांपेंगे दुश्मन


जान लें कि इंफाल इतना ताकतवर है कि ये बिना सहायक जहाजों के दुश्मन की पनडुब्बियों, वॉरशिप, एंटी-शिप मिसाइल और फाइटर जेट्स के खिलाफ सक्षम बनाती है. इसके साथ ही यह नेवी टास्क फोर्स के तौर पर काम करने की भी क्षमता रखता है.