Indian Navy INS SURAT and INS NILGIRI: समंदर में भारत की ताकत का लगातार बढ़ रही है. इससे पाकिस्तान और चीन दोनों सहमें हुए हैं. दुश्मन पड़ोसियों की ताजा चिंता की बात ये है कि भारतीय नौसेना के करण-अर्जुन आ गये हैं. दरअसल एक ही दिन जब नेवी की फ्लीट में दो अत्याधुनिक और शक्तिशाली युद्धपोत शामिल हुए तो दुश्मनों के सीने में सांप लोट गए. समंदर में भारत की इस करण-अर्जुन की जोड़ी का असली नाम INS ‘सूरत’ और INS ‘नीलगिरी’ है. 


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INS ‘सूरत’ और INS ‘नीलगिरी’ की ताकत जानिए


INS सूरत एक ऐसा डिस्ट्रॉयर है जो समंदर से हवा में मार करने वाली बराक मिसाइलों से लैस है. इसमें लंबी दूरी तक अटैक करनेवाली ब्रह्मोस मिसाइलें भी लगी हुई हैं. इसके रडार सैकड़ों किलोमीटर दूर तक दुश्मन पर नजर रख सकते हैं. समंदर की तेज लहरों में भी ये युद्धपोत करीब 60 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से चल सकता है. इसके साथ ही ये भारतीय नौसेना का पहला AI या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस युद्धपोत भी है. जो अपनी AI पावर का इस्तेमाल करके और भी ज्यादा खतरनाक होकर भारत के दुश्मनों का काल बन जाएगा.


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INS नीलगिरि एक स्टील्थ फ्रिगेट है. ये सूरत से साइज में छोटा है लेकिन दुश्मनों के लिये ये भी बहुत बड़ा खतरा है. नीलगिरि दुश्मन के रडार से ओझल होकर काम कर सकता है. साथ ही इसमें बराक और ब्रह्मोस मिसाइलें भी फिट की गई हैं. यानी इस छोटे जहाज का अटैक भी हैवी वेट वाला होगा.


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सूरत और नीलगिरि दोनों भारत के स्वेदशी टॉरपीडो वरूणास्त्र से लैस हैं. ये दुश्मन के जहाज और पनडुब्बी दोनों को टारगेट कर सकता है. नेवी के वो युद्धपोत हैं जिन्हें भारत में ही डिजाइन करके बनाया गया है. इनमें लगे ज्यादातर हाईटेक सिस्टम भी भारत में ही बने हैं. INS सूरत को रिकॉर्ड तोड 31 महीनों में तैयार करके भारतीय नौसेना को सौंपा गया है. ये जहाज लॉन्च से लेकर डिलीवरी तक अबतक का सबसे तेजी से बनाया गया युद्धपोत है.


INS नीलगिरि की तरह 6 और जहाज इस समय प्रोडक्शन के अलग-अलग चरणों में हैं जिन्हें 2025 से 2026 तक बनाकर भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा. इन दो युद्धपोतों के साथ समंदर में भारत की ताकत बढ़ रही है और आने वाले समय में करण अर्जुन की ये जोड़ी शत्रुओं का सरदर्द बढ़ाती रहेगी.