नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के एक फैसले ने भारतीय रेलवे (Indian Railway) की तस्वीर बदल दी है. पीएम मोदी ने स्वच्छता को जनअभियान में बदला तो कई मोर्चों पर इसका असर दिखा. इसका नतीजा ये रहा कि रेल यात्रियों (Railway Passengers) को साफ-सुथरे प्लेटफार्म मिलने लगे. वहीं ट्रेनों में मिलने वाली सुविधाओं और साफ सफाई की दिशा में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला. 


वो फैसला जिससे बदली तस्वीर


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अब हम आपको वो तस्वीर दिखाते है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 2 अक्टूबर 2014 को देशव्यापी स्वच्छता अभियान (Swachh Bharat Abhiyan ) शुरू किया था. 



(फाइल फोटो)


जी हां ये वही तस्वीर है जो नए भारत के नए इतिहास में सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गई. इस आयोजन की शुरुआत पीएम मोदी ने भले ही नई दिल्ली की बाल्मीकि कॉलोनी से की हो लेकिन देखते-देखते ही यह अभियान देश के हर शहर और गांव तक फैल गया. केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों ने इस महाअभियान में हाथ बटाया तो सकारात्मक नतीजे तेजी से दिखने लगे. रेलवे जैसे बड़े मंत्रालय ने भी इसमें हिस्सा लिया. आज यह सफाई अभियान रेलवे का एक कल्चर बन चुका है जो आपको हर रेल यात्रा के दौरान साफ नजर आता होगा.


चौबीसों घंटे साफ-सफाई


नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के हर प्लेटफार्म चौबीसों घंटे साफ सफाई के लिए लगे कर्मचारी लगाए गए हैं. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रोजाना 300000 से ज्यादा यात्री गुजरते हैं इसके बावजूद अगर आपको यहां की चमक-दमक दिख रही है तो इसलिए क्योंकि रेलवे ने स्वच्छता पर अपना पूरा फोकस किया.


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आज आप किसी भी रेलयात्री से पूछ लीजिए लोग यही कह रहे हैं कि ना सिर्फ ट्रेन साफ-सुथरी लगने लगी है बल्कि प्लेटफार्म भी पहले से ज्यादा बेहतर हो गए हैं. रेलवे स्टेशनों पर जगह-जगह लगे डस्टबिन और लोगों को जागरूक करते पोस्टर और फर्श की सफाई करती क्लीनिंग मशीनों के साथ तैनात कर्मी पूरी मुस्तैदी से अपने काम में जुटे हैं.


सात साल की मेहनत


मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान को सात साल हो चुके हैं इसका असर आज सरकारी दफ्तरों से लेकर सार्वजनिक जगहों तक देखा जा सकता है सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि देश भर के लोग अब साफ सफाई को लेकर धीरे-धीरे जागरूक होने लगे हैं. ऐसे में आप भी कह सकते हैं कि मोदी सरकार के इस क्रांतिकारी फैसले ने एक मैली तस्वीर को चमकदार बना दिया है.