नई दिल्ली: आईआरसीटीसी (IRCTC) ने रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन (Ramayana Express Train) के वेटर्स की ड्रेस को लेकर मचे बवाल के बाद कदम वापस खींच लिए हैं. उज्जैन के साधु-संतों ने वेटर्स की ड्रेस पर तीखी आपत्ति जताई थी, जिसे देखते हुए रेलवे ने स्पेशल ट्रेन में सर्विस देने वाले वेटर्स की यूनिफॉर्म बदल दी है. बता दें कि अयोध्या-रामेश्वरम ट्रेन में भगवा ड्रेस पहने बर्तन उठा रहे वेटर्स का वीडियो वायरल होने के बाद संत समाज नाराज हो गया था.


रेलमंत्री को लिखी थी चिट्ठी 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

उज्जैन के संत समाज ने इसे साधु-संतों का अपमान बताया था. साधुओं ने इस संबंध में रेलमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी और  ट्रेन रोकने की चेतावनी भी दी थी. विवाद बढ़ता देख आईआरसीटीसी (IRCTC) वेटर्स की ड्रेस बदल दी है. रेलवे ने ट्वीट कर बताया है कि रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन (Ramayana Express Train) के स्टाफ की ड्रेस को पेशेवर यूनिफॉर्म में बदल दिया गया है.


ये भी पढ़ें - महंत नरेंद्र गिरी आत्महत्या करने पर क्यों हुए मजबूर? CBI की चार्जशीट में हुआ खुलासा



प्रदर्शन की दी थी चेतावनी


वायरल वीडियो में ट्रेन के वेटर्स साधु-संतों की तरह भगवा कपड़े, धोती, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहने खाने के बर्तन उठाते नजर आ रहे थे. उज्जैन अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री परमहंस अवधेश पुरी महाराज ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा था कि ये संत समाज का अपमान है. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि जल्द ही वेटर्स की ड्रेस को बदला जाए, वरना 12 दिसंबर को निकलने वाली अगली ट्रेन का संत समाज विरोध करेगा और हजारों हिन्दुओं को लेकर ट्रेन के सामने प्रदर्शन किया जाएगा.


17 दिन में 7500 किलोमीटर


दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से चलने वाली ये ट्रेन अपनी 17 दिन की यात्रा में पर्यटकों को भगवान राम से जुड़े सभी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों का भ्रमण और दर्शन कराती है. यह ट्रेन 17 दिन में 7500 किलोमीटर की यात्रा करती है. ये ट्रेन यात्रियों को अयोध्या, प्रयाग, नंदीग्राम, जनकपुर, चित्रकूट, सीतामढ़ी, नासिक, हम्पी और रामेश्वरम जैसे स्थानों पर ले जाएगी. रामायण एक्सप्रेस प्रथम श्रेणी के रेस्तरां, पुस्तकालय और शॉवर क्यूबिकल से सुसज्जित है.