नई दिल्‍ली: ट्रेन से सफर करने वाले मुसाफिरों की परेशानी उस समय बहुत बढ़ जाती है, जब ट्रेन ट्रैक खाली होने के इंजतार में आउटर पर लंबे समय तक खड़ी रहती हैं. मुसाफिरों की इस परेशानी को खत्‍म करने के लिए भारतीय रेलवे ने एक नया समाधान खोजा है. इस समाधान के तहत रेलवे अब देश के प्रमुख रेलवे स्‍टेशनों पर फ्लाई-वे तैयार करेगी. ये फ्लाई-वे आउटर पर पहुंचने वाली ट्रेनों को बिना रुके प्‍लेटफार्म पर लाने में मददगार साबित होंगे.


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रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय रेल नेटवर्क में ट्रेनों के आवागमन के लिए सिर्फ दो ही ट्रैक उपलब्‍ध है. किसी भी रेलवे स्‍टेशन से पहले इन दोनों ट्रैक्‍स को प्‍लेटफार्म को जानी वाली लाइनों से जोड़ा जाता है. पीक आवर्स के दौरान, अक्‍सर यह देखा जाता है कि मेन लाइन में कंजेशन के चलते ट्रेनों को आउटर पर खड़ा कर दिया जाता है. ये ट्रेन तब तक आउटर पर खड़ा रखा जाता है, जब तक उनके आगे चल रही ट्रेनों को प्‍लेटफार्म पर जाने का मौका नहीं मिल जाता.


रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया, इस पूरी प्रक्रिया में न केवल बहुत समय बर्बाद होता है, बल्कि मुसाफिरों को बेवजह परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्‍होंने बताया कि रेलवे ने इस समस्‍या का समाधान करने के लिए कुद अहम फैसले लिए हैं. इन फैसलों में आउटर ट्रैक पर फ्लाईवे बनाने के साथ ट्रेनों की निर्धारित ऑपरेशन प्रॉसेसे में कुछ अहम बदलाव शामिल है. उन्‍होंने बताया कि इस समस्‍या से जुड़े समाधानों पर रेलवे बोर्ड की तरफ से सैद्धांतिक फैसले ले लिए गए हैं. जल्‍द ही इन फैसलों से जोन मुख्‍यालय को अवगत करा दिया जाएगा. जिससे निर्धारित समय में इस प्रोजेक्‍ट को पूरा किया जा सके.
 
फ्लाई-वे के निर्माण के लिए रेलवे ने चुने 250 जंक्‍शन
रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि हाल में रेलवे ने एक सर्वे कराकर 250 ऐसे रेलवे जंक्‍शन की पहचान की है, जहां पर ट्रेनों को कंजेशन के चलते आउटर पर रोका जाता है. इन सभी रेलवे जंक्‍शन पर जल्‍द फ्लाईवे बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. प्रस्‍तावित फ्लाई-वे को अलग अलग जगहों पर मुख्‍य ट्रैक से प्‍लेटफार्म के ट्रैक से जोड़ा जाएगा. जिससे ट्रेन को आउटर पर खड़ा किए बगैर सीधे प्‍लेटफार्म पर भेजा जा सके. उन्‍होंने बताया कि फ्लाई-वे के निर्माण के लिए सभी जोन जल्‍द ही टेंडिंग प्रॉसेस शुरू कर देंगे. टेंडर आवंटित होने के बाद निर्धारित समयावधि में इन फ्लाई-वे का निर्माण पूरा किया जाएगा.


ट्रैक पर कंजेशन खत्‍म करने के लिए बढ़ाई जाएगी ट्रेनों की क्रासओवर स्‍पीड
रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि आउटर पर ट्रेनों का कंजेशन खत्‍म करने के लिए फ्लाई-वे के निर्माण के साथ क्रास ओवर स्‍पीड को भी बढ़ाने का फैसला किया गया है. मौजूदा समय में पटरी बदलते समय ट्रेनों की औसत रफ्तार महज 15 किमी प्रति घंटा होती है. मौजूदा ट्रायल के तहत, क्रासओवर के समय ट्रेनों की रफ्तार को बढ़ाकर 30 किमी प्रति घंटा करने की कोशिश की जा रही है. 30 किमी प्रति घंटा का लक्ष्‍य हासिल करने के बाद क्राउस ओवर की स्‍पीड को 50 किमी प्रति घंटा तक बढ़ाने की कोशिश की जाएगी.