Canada Study Permit: कनाडा जाकर पढ़ना अब भारतीयों को रास नहीं आ रहा. वहां का स्टडी परमिट चाहने वाले देसी स्टूडेंट्स की संख्या खासी कम हो गई है. अक्टूबर-दिसंबर 2023 वाली तिमाही में पिछले साल (2022) के मुकाबले स्‍टडी परमिट्स में 86% की गिरावट आई है. 2022 में अक्टूबर-दिसंबर के बीच 1.1 लाख भारतीय स्टूडेंट्स को स्टडी परमिट मिला था. टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में इन्हीं महीनों के दौरान भारतीयों को जारी स्टडी परमिट की संख्या सिर्फ 14,910 रही. 2022 में कनाडा विदेश में पढ़ने की चाह वाले भारतीय स्टूडेंट्स की पहली पसंद हुआ करता था. कनाडा के इमीग्रेशन मंत्री इसके पीछे कनाडाई डिप्‍लोमेट्स की संख्या में कमी को वजह बताते हैं. हालांकि, वह भारत के साथ डिप्लोमेटिक विवाद के असर को भी स्वीकार करते हैं.


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कनाडा ने अपनी जमीन पर एक खालिस्तानी आतंकी की हत्या का दोष भारत सरकार पर मढ़ा था. पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई संसद के भीतर भारत पर आरोप लगाए थे. इसके बाद, दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव चरम पर पहुंच गया था. भारत ने कनाडा से अतिरिक्त डिप्लोमेटिक स्टाफ को वापस बुलाने को कहा था. वहां के इमीग्रेशन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि स्टडी परमिट प्रोसेस करने वाले डिप्‍लोमेट्स कम बचे हैं, इसलिए इतनी गिरावट आई है.


कनाडा में रहकर पढ़ाई बड़ी महंगी


कनाडा के ओंटारियो में बड़ी संख्या में विदेशी स्टूडेंट्स, खासकर भारतीय पढ़ते हैं. पिछले साल कनाडाई सरकार ने एक पेपर में स्टूडेंट्स की दिक्कतों पर ध्यान देने की 'फौरी जरूरत' बताई थी. दिसंबर में, ओटावा ने विदेशी छात्रों के लिए बैंक अकाउंट में ज्यादा डॉलर रखना अनिवार्य कर दिया था क्योंकि रहन-सहन का खर्च दोगुना हो गया था.


भारतीय एक्सपर्ट्स मान रहे थे कि 2023 में कनाडा जाकर पढ़ने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ेगी. इसके पीछे यह लॉजिक दिया गया कि डिप्लोमेटिक विवाद एडमिशन प्रोसेस बंद होने के बाद शुरू हुआ था. स्टडी परमिट के आंकड़े इससे उलट तस्वीर पेश करते हैं.