गुवाहाटी: असम की डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी तक सफर करने वाली करने वाली 15905/15906 विवेक एक्सप्रेस को पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के तिनसुकिया मंडल ने उत्कृष्ट परियोजना के अधीन विभिन्न यात्री हितैषी सुविधाओं के साथ हाल ही में अधिक उन्नत बनाया गया है. आपको बता दें कि विवेक एक्सप्रेस देश की सबसे लम्बी दूरी तय करने वाली ट्रेन है, जो लगभग 79 घंटे की यात्रा के दौरान रास्ते में 57 स्टेशनों से होते हुए 4273 किमी की लम्बी दूरी तय करती हैं.


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इस ट्रेन को  9 फ़रवरी को डिब्रूगढ़ स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. गौरतलब है की डिब्रूगढ़ कोचिंग डिपो के वरिष्ठ तकनीशियन अख्तर हुसैन इस फ़रवरी में ही रिटायर होने वाले हैं और रेलवे विभाग से मिले इस सम्मान से बेहद खुश और गौरवान्‍व‍ित हैं. उत्कृष्ट परियोजना के अधीन नए रूप से बनाये गए रेकों के सभी कोचों में स्वच्छ रेल शौचालय स्थापित हैं. खास बात इसकी फ्लशिंग के दौरान पानी की कम खपत और न्यूनतम दुर्गन्ध की व्यवस्था हैं. विवेक एक्सप्रेस ट्रैन में इन नए बने शौचालयों में अवरुद्ध रहित मल की निकासी और बायो टॉइलेट टैंक लगाने से टांको में त्वरित निकासी, बदबू पर नियंत्रण और साथ ही शौचालय में कूड़ेदान की गई है.


वातानुकूलित कोचों में एलईडी पैनल लाइटिंग, नए प्रकार के बोतल होल्डर, ब्रेल साइनेज, रात में चमकने वाले स्टीकर, नए प्रकार के अग्नि शामक, गेंगवे क्षेत्र में एंटी-ग्रेफिटी विनायल रैपिंग, शौचालयों में एक्सहॉस्ट पंखे, वेस्टर्न स्टाइल के टॉयलेट्स सीट कवर डिस्पेंसर, स्वच्छ जल का नल, दुर्गन्ध नियंत्रित करने ऑटो जनरेटर आदि. इस ट्रैन की कायापलट की गई है. ट्रैन के अंदर सभी कोचों के प्रमुख भीतरी हिस्सों, डोरवे, गैंगवे और शौचालयों के अंदर बिजली की खपत और सौन्दर्यकरण के लिए एलईडी लाइट्स लगाए गए हैं. स्लीपर क्लास और जनरल क्लास के कोचों में भी नए उत्कृष्ट सुविधाओं के तहत थोड़ी भिन्न काया पलट की गई हैं.


ट्रैन में बेहतर स्वछता के लिए स्टेनलेस  स्टील पेनलिंग, फर्श पर स्टेलनेस स्टील चेकर्ड प्लेट और स्टेनलेस स्टील के बर्तनों और उपकरणों के साथ ट्रैन के किचन को भी आधुनि‍क बनाया गया है.  आपको बता दें कि देश की सबसे लम्बी दूरी तय करने वाली विवेक एक्सप्रेस ट्रैन की सबसे बड़ी कायापलट इसमें ऑनलाइन हाउसकीपिंग सिस्टम (ओबीएचएस) के तहत रख रखाव पर जोर दिया गया है. इसके तहत ट्रैन के सभी  कोच के शौचालयों को हर 2 घंटे के अंतराल पर सफाई की जाएगी और जीपीएस चिन्हित बायोमेट्रिक अटेंडेंट प्रणाली का प्रावधान किया जायेगा.