Swachhta Survekshan: मिनी मुंबई के नाम से मशहूर मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर ने महारिकॉर्ड बना दिया है. वह लगातार सातवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बन गया है. केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर और सूरत को संयुक्त रूप से देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चुना गया है. नवी मुंबई तीसरे स्थान पर रहा. गुरुवार को घोषित सर्वेक्षण के नतीजों में यह जानकारी दी गई है. 'स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023' में ‘शानदार प्रदर्शन करने वाले राज्यों’ की श्रेणी में महाराष्ट्र ने पहला स्थान हासिल किया जिसके बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ रहे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में पुरस्कार प्रदान किए. इस अवसर पर केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य गणमान्य मौजूद रहे. इंदौर को लगातार सातवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला. 


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'दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण'


असल में सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार, एक लाख से कम आबादी वाले सभी शहरों में महाराष्ट्र के सासवड को सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार मिला. इस श्रेणी में छत्तीसगढ़ के पाटन को दूसरा और महाराष्ट्र के लोनावला को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ. गंगा नदी के शहरों में वाराणसी को सबसे अच्छा एवं स्वच्छ शहर चुना गया जिसके बाद प्रयागराज को स्थान मिला. मध्य प्रदेश का महू छावनी बोर्ड सबसे स्वच्छ छावनी बोर्डों की श्रेणी में शीर्ष पर रहा. आंकड़ों के अनुसार, स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में 4,447 शहरी स्थानीय निकायों ने भाग भाग लिया और इसमें 12 करोड़ नागरिकों की प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं. सरकार का दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है.


मोहन यादव ने लिया अवार्ड
वहीं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर के लगातार सातवीं बार अव्वल रहने पर प्रसन्नता जताते हुए गुरुवार को कहा कि यह उपलब्धि साबित करती है कि साफ-सफाई की आदत शहरवासियों की सोच में शामिल हो गई है. ‘वेस्ट टू वेल्थ’ की थीम पर केंद्रित 2023 के स्वच्छता सर्वेक्षण में अलग-अलग श्रेणियों में देश के 4,400 से ज्यादा शहरों के बीच कड़ी टक्कर थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में दिल्ली में आयोजित समारोह में इंदौर को सूरत के साथ देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया. मुख्यमंत्री ने इस समारोह में राष्ट्रपति के हाथों इंदौर का पुरस्कार प्राप्त किया. 


क्या बोले एमपी के सीएम
इस मौके पर राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव, इंदौर नगर निगम की आयुक्त हर्षिका सिंह भी मौजूद थीं. मुख्यमंत्री ने यहां जारी एक बयान में कहा कि इंदौरवासियों ने पुनः सिद्ध कर दिया है कि स्वच्छता न सिर्फ उनकी आदत बन चुकी है, बल्कि यह आदत उनकी सोच में भी शामिल हो गई है. उन्होंने शहर में साफ-सफाई के काम में लगे कर्मियों को भी बधाई दी और उनसे अपील की कि स्वच्छता के लिए उनका जुनून कभी कम न हो. इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर के लगातार सातवीं बार अव्वल रहने की उपलब्धि को भगवान राम को अर्पित करते हैं. 


कैसे लगातार सातवीं बार इंदौर बना टॉपर?
महापौर ने यह भी कहा कि इंदौर स्वच्छता के मामले में अब केवल भारत ही नहीं, बल्कि समूचे विश्व में आदर्श बन गया है. इस बीच, इंदौर नगर निगम परिसर में सफाईकर्मियों ने ढोल की थाप पर नृत्य करके स्वच्छता के क्षेत्र में शहर की कामयाबी का जश्न मनाया. वे इस मौके पर एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार करते भी देखे गए. राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार सातवीं बार कामयाबी के लक्ष्य के तहत शहरी निकाय ने ‘इंदौर छुएगा स्वच्छता का सातवां आसमान’ का नारा दिया था. इस नारे पर आधारित गीत शहर के घर-घर से कचरा इकट्ठा करने वाली गाड़ियों में बजाया जाता था.


राज्यों की श्रेणी में महाराष्ट्र शीर्ष पर
इसके अलावा नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) प्रशासित नई दिल्ली क्षेत्र ने केंद्र के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में 'सबसे स्वच्छ शहर' श्रेणी के तहत सातवां स्थान हासिल किया है. 'स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023' में 'सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों' की श्रेणी में महाराष्ट्र ने शीर्ष स्थान हासिल किया और उसके बाद मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ ने सूची में अपना स्थान बनाया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए. फिलहाल दस शहरों के नाम इस लिस्ट में हैं. Agency Input