नई दिल्ली: देश के अलग अलग शहरों के 1104 अस्पतालों के करीब 4 हजार मरीजों पर की गई एक स्टडी में ये पाया गया कि कोरोना वैक्सीनेशन के असर से कोरोना संक्रमण के मामलों में काफी हद तक सुधार हुआ है. खास तौर पर जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ले लीं वो काफी हद तक कोरोना के बुरे असर से बचे हुए हैं. देश में 45 साल से अधिक उम्र के लोगों पर हुई स्टडी से ये भी साफ हुआ कि अगर वैक्सीनेटेड होने के बावजूद कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ है तो उसमें भी अस्पताल में रहने का वक्त घट रहा है. 


यूं घटा इलाज का खर्च


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टीकाकरण के एक और फायदे की बात करें तो अब इसी वजह से कोरोना के इलाज में होने वाला खर्च भी कम हो रहा है. वैक्सीनेटेड लोगों के कोरोना पीड़ित होने पर अस्पताल का खर्च जहां 2 से 3 लाख आता था उसमें कमी आई है. यानी अस्पताल के बिल में भी 15% की कमी आई. 


स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की ओर से कराई गई स्टडी के मुताबिक इसी तरह वैक्सीनेटेड हो चुके लोग कोरोना संक्रमित होने के बाद 4 से 5 दिन में डिस्चार्ज हो गए जबकि जिन्होंने एक भी डोज नहीं ली थी उन्हें कोरोना को हराने के लिए करीब सात दिन से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा.


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'इतनी कारगर रही वैक्सीन'


इसी तरह वो मरीज जिन्हें पहले से कोई दूसरी बीमारी भी थी उनमें भी ये पाया गया कि वैक्सीनेशन के बाद उनके आईसीयू (ICU) में भर्ती होने की जरुरत 9 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत रह गई. स्टडी मार्च और अप्रैल 2021 में की गई है, जब भारत में कोरोना पीक पर था. इस दौरान उन लोगों का डाटा देखा गया जिन्हें वैक्सीन लगे कम से कम 14 दिन हो चुके थे.


यानी साफ है कि जो अभी भी वैक्सीन लगवाने में आनाकानी कर रहे हैं उन्हें इन नतीजों से सबक लेना चाहिए. कोरोना की तीसरी लहर आए उससे पहले ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन ही हमें बचा सकता है.


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