नई दिल्ली: भारत पहली बार राजस्थान के जैसलमेर में अंतरराष्ट्रीय सैन्य खेलों के एक हिस्से का आयोजन करने जा रहा है. प्रतिभागी देशों के बीच मेलजोल बढाने के लिए इसका आयोजन किया जा रहा है. सेना के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि रूसी संघ के रक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सैन्य खेलों का आयोजन 2015 से किया जा रहा है. इसमें करीब 32 देश हिस्सा लेते हैं. उन्होंने कहा कि 2019 में यह प्रस्तावित किया गया कि अंतरराष्ट्रीय सैन्य खेलों में 32 वर्गों में प्रतिस्पर्धा होगी जिनकी मेजबानी 10 देश करेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अधिकारी ने बताया कि भारत खेलों के हिस्से के तौर पर सेना अंतरराष्ट्रीय स्काउट मास्टर्स पांचवीं प्रतिस्पर्धा का आयोजन करेगा. समारोह का अयोजन सांस्कृतिक रूप से समृद्ध सुनहरे शहर जैसलमेर में किया जाएगा. पांचवे चरण में रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, जिम्बाब्वे, आर्मेनिया, बेलारूस, चीन और भारत हिस्सा लेंगे. सेना अंतरराष्ट्रीय स्काउट मास्टर्स प्रतियोगिता का आयोजन 24 जुलाई से 17 अगस्त के बीच किया जाएगा. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पर खुशी जताते हुए कहा कि पहली बार वैश्विक प्रतियोगिता की मेजबानी करना भारत के लिए "महान सम्मान और गर्व" की बात है.


जैसलमेर के आसपास के तपते हुए रेगिस्तान के रेत के धोरे जुलाई-अगस्त में दुनियाभर की सेनाओं के सबसे माहिर योद्धाओं की महारत के गवाह बनेंगे. ये प्रतिस्पर्धा बख्तरबंद और टैंकों के सबसे बेहतरीन माहिरों के बीच होता है और इसमें अलग-अलग प्रतियोगिताओं के ज़रिये प्रतियोगियों के रणकौशल को परखा जाता है. भारत में ये पहली बार हो रहा है. 


 



इस अंतर्राष्ट्रीय वॉर गेम की शुरुआत रूस में हुई थी. 14 और 15 मई को रूसी सेना के प्रतिनिधियों ने जैसलमेर के आसपास के इलाक़े का जायजा लिया और तैयारियों को देखा. इस प्रतियोगिता में रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, चीन, कज़ाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, जिम्बाब्वे की सेना के चुनिंदा दस्ते शामिल होंगे.


सेना में स्काउट्स का काम बेहद खतरनाक और महत्वपूर्ण होता है. स्काउट्स सेना के वो दस्ते होते हैं जो कि मुख्य सेना के आगे रहकर दुश्मन के बारे में सूचनाएं लाते हैं और दुश्मन से शुरुआती झड़प करते हैं. इस प्रतियोगिता में किसी भी टैंकमैन की हर किस्म की विशेषज्ञता को परखा जाता है. टैंकों को अलग-अलग इलाक़े में दौड़ाने से लेकर, निशानेबाज़ी तक के कई प्रतियोगिता में सैनिक अपनी महारत दिखाएंगे.