IOA Case Supreme Court: भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. आईओए  के संचालन की कमान दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) की ओर से नियुक्त प्रशासकों की समिति (COA) के हाथों में नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अभी इस मामले में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया है यानि दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Coutrt) का आदेश फिलहाल लागू नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट आगे सोमवार को इस पर सुनवाई करेगा. आईओए ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.


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SG तुषार मेहता ने कोर्ट के सामने मामला रखा


आज सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस से इस मसले जल्द सुनवाई की मांग की.  उन्होंने कहा कि प्रशासकों की कमेटी नियुक्त करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक महासंघ बाहरी हस्तक्षेप की तरह देखते हुए उसकी मान्यता रद्द कर सकता है. SG तुषार मेहता ने कहा कि कि ये  एक बेहद संजीदा मसला है. अंतराष्ट्रीय महासंघ आईओए (IOA) की मान्यता रदद् कर सकता है जैसे फीफा ने ऑल इंडिया फुटबाल फेडरेशन की मान्यता रदद् की है. इंटरनेशनल ओलिम्पिक कमेटी के नियमों के मुताबिक अगर IOA की कमान किसी ऐसी समिति को सौंपी जाती है तो वो इसे बाहरी हस्तक्षेप की तरह देखेगा.


'भारत ओलिम्पिक से बाहर हो सकता है'


सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अभी प्रशासकों की कमेटी ने आईओए की कमान नहीं संभाली है. लेकिन जब ऐसा होगा तब पूरी संभावना है कि भारत को ओलिम्पिक से बाहर कर दिया जाएगा. इंडियन ओलम्पिक एसोसिएशन अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक महासंघ की ही एक यूनिट है. हम उसके नियमो से बंधे है. ऐसे में अगर आईओए की कमान किसी ऐसी समिति को सौंपी जाती है तो इसके चलते हो सकता है कि भारत को ओलम्पिक से ही बाहर कर दिया जाए. ये राष्ट्रीय प्रतिष्ठा का विषय है.


SC ने यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया


सुप्रीम कोर्ट ने भी सॉलिसीटर जनरल की दलीलों से सहमति जताते हुए मामले में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दे दिया. चीफ जस्टिस ने कहा कि SG तुषार मेहता की ओर से कोर्ट को बताया गया है कि दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के चलते भारत की अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भागीदारी मुश्किल में पड़ सकती है. लिहाजा हम मामले में यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दे रहे है.सोमवार को उपयुक्त बेंच के सामने ये मामला सुनवाई के लिए लगाया जाएगा.


क्या था दिल्ली HC का आदेश


16 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने आईओए की कमान प्रशासकों की समिति को सौंपने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट का मानना था कि आईओए कमेटी, नेशनल स्पोर्ट्स कोड का पालन नहीं कर रही है.अगर कोई स्पोर्ट्स फेडरेशन देश के क़ानून का पालन नहीं कर रही है तो उसे सरकार से मिलने वाली सुविधाओं को हासिल करने का अधिकार नहीं है. यही मानते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने आईओए के कामकाज के संचालन के लिए प्रशासकों की कमेटी के गठन का आदेश दिया था. इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस अनिल आर दवे, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई क़ुरैशी, पूर्व विदेश सचिव विकास स्वरूप शामिल किये गए थे.


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