How to Get Subsidy in Railway Fare: हजारों किलोमीटर का सफर तय कर भारतीय रेलवे यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती है. किसी को दफ्तर, किसी को एग्जाम सेंटर, किसी को इंटरव्यू वाली जगह तक पहुंचना होता है. लोग ट्रेनों में यात्रा के लिए महीनों पहले रिजर्वेशन तक करा लेते हैं.लेकिन क्या आप जानते हैं कि रेलवे के किराये में कुछ लोगों को छूट मिलती है. आइए आपको इस बारे में बताते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रेलवे के किराये में छात्रों, दिव्यांग और मरीजों को छूट दी जाती है. इसके अलावा किसान, चिकित्सा व्यवसायी, शहीद की पत्नी, सरकार द्वारा पुरस्कार प्राप्त लोग किराये में छूट के पात्र हैं. कोविड-19 से पहले सीनियर सिटिजन्स को भी किराये में छूट मिलती थी. यह अभी भी बहाल नहीं हो पाई है. हालांकि सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि इसे जल्द दोबारा शुरू किया जाएगा. वहीं स्टूडेंट्स को स्लीपर और 2एस क्लास के किराये में छूट मिलती है. ई-टिकट पर यह छूट नहीं मिलती. स्टूडेंट्स को किराये में जो छूट मिलती है, वह आईआरसीटीसी अगले दिन उनके अकाउंट में डिजिटल तरीके से भेज दी जाती है.


कौन कितनी छूट का पात्र?


  • 35 साल की उम्र तक रिसर्च के सिलसिले में यात्रा करने वाले शोधार्थियों को सेकंड और स्लीपर क्लास में 50 परसेंट की छूट मिलती है.

  • जो विदेशी छात्र भारत में पढ़ता है, अगर वह सरकार की ओर से आयोजित सेमिनारों/शिविरों में भाग लेने जाता है या फिर छुट्टियों में ऐतिहासिक महत्व के स्थानों की यात्रा करता है तो सेकंड और स्लीपर क्लास में 50 परसेंट की छूट मिलती है.

  • यूपीएससी या स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की मेन्स परीक्षा में बैठने वाले छात्र-छात्राओं को सेकंड क्लास में 50 परसेंट छूट मिलती है.

  • सरकारी स्टूडेंट्स या ग्रामीण इलाकों के स्कूल के छात्रों को स्टडी टूर के लिए साल में एक बार सेकंड क्लास में 75 परसेंट की छूट दी जाती है. इसके अलावा इंजीनियरिंग, मेडिकल के नेशनल लेवल के एग्जाम के लिए सेकंड क्लास में 75 परसेंट की छूट मिलती है.

  • एससी व एसटी कैटिगरी के लिए सेकंड और एसएल क्लास में 75 परसेंट और क्यूएसटी और एमएसटी में 75 परसेंट की छूट दी जाती है. 

  • एजुकेशन या घर जाने वाले जनरल कैटिगरी के स्टूडेंट्स को स्लीपर और सेकंड क्लास में 50 परसेंट और क्यूएसटी व एमएसटी में 50 परसेंट की छूट दी जाती है.