Corona Vaccines: क्या कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 के खिलाफ कारगर है मौजूदा वैक्सीन? एक्सपर्ट ने बता दी सबसे जरूरी बात
Corona news: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और JN.1 वेरिएंट पाए जाने के बीच इंडिया सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम और WHO की रिपोर्ट की जोर शोर से चर्चा हो रही है, क्योंकि लोग ये जानना चाहते हैं कि मौजूदा वैक्सीन कोवीशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) वगैरह कोविड के इस नए अवतार के खिलाफ कारगर है या नहीं?
Coronvirus Update Today: कोविड-19 के नए वेरिएंट JN.1 को लेकर, AIIMS के पूर्व डायरेक्टर और वरिष्ठ पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि हमें एक वैक्सीन की जरूरत है जो कोरोना वायरस के व्यापक प्रकार को कवर करे. हमारे पास कई संभावनाएं हैं. JN.1 है ओमीक्रॉन का सब वेरिएंट है. इसलिए ओमीक्रॉन के खिलाफ बनाया गया टीका इस नए वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी होगा. हालांकि इस विषय पर विस्तार से कुछ कहने के लिए अधिक डेटा की जरूरत होगी. जैसे- देश की आबादी यानी लोगों में इम्यूनिटी का वर्तमान स्तर कैसा है? और पिछले वैक्सीनेशन के आधार पर हमें कितनी सुरक्षा मिली है? विस्तृत डाटा के आधार पर ही ये तय हो सकता है कि क्या हमें एक नई वैक्सीन की आवश्यकता है, क्योंकि कोरोना के वेरिएंट तो आगे भी बदलते रहेंगे.
सुनिए क्या बोले गुलेरिया-
डॉ गुलेरिया ने ये भी कहा, 'यह सबवैरिएंट ज्यादा संक्रामक है यानी लोगों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है. हालांकि इसके ज्यादातर लक्षण सांस से जुड़े हुए हैं. इसमें बुखार, खांसी, जुकाम, गले में खराश, नाक बहना और शरीर में दर्द भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इससे जुड़ा डेटा यह भी बताता है कि यह गंभीर संक्रमण या अस्पताल में भर्ती होने का कारण नहीं बन रहा है.
एक और एक्सपर्ट की राय भी जानिए
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और JN.1 वैरिएंट पाए जाने के बीच इंडिया सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (इंसाकाग) के चीफ डा. एनके अरोड़ा ने कहा कि फिलहाल वैक्सीन की अतिरिक्त डोज देने की जरूरत नहीं है. डॉ अरोड़ा ने ये भी कहा, 'JN.1 के लक्षण ओमिक्रॉन के अन्य सब-वेरिएंट की तरह हैं, जिसमें बुखार, खांसी शामिल हैं. कुछ मामलों में डायरिया और शरीर में दर्ज जैसी समस्या भी देखने को मिली है. मगर इस हालत में भी संक्रमित मरीज दो से पांच दिन में उबर जाता है.
पैनिक मत कीजिए - WHO की बात भी सुनिए
WHO ने जेएन.1 को वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट बताया है. WHO ने कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नए सब-वेरिएंट की वजह से लोगों को अन्य वेरिएंट से ज्यादा खतरा है. इसका कहना है कि वर्तमान में मौजूद वैक्सीन इस वेरिएंट से बुरी तरह बीमार पड़ने और मौत से बचाने के काबिल हैं.
क्यों उठा सवाल?
कोरोना की दूसरी लहर में जब देशभर में हाहाकार मचा थ, उसके बाद देश में बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन हुआ. पुरानी बुरी यादों से लोग परेशान हो रहै हैं. नए वेरिएंट की संक्रमण क्षमता को देखते हुए यानी JN.1 वेरिएंट को देखते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जल्द ही कोई वैक्सीन मार्केट में उतारने वाली है. सीरम इंस्टीट्यूट ने JN.1 कोविड वेरिएंट की वैक्सीन के लिए लाइसेंस हासिल करने को लेकर आवेदन किया है.