Cyber Attacks In India: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के सर्वर पर हाल में हुए साइबर अटैक (Cyber Attack) ने भारत की सुरक्षा एजेंसियों को सख्ते में डाल दिया है. इस साइबर अटैक की गुत्थी अभी भी सुलझ नहीं पाई है. इस बीच सवाल उठ रहे हैं कि भारत देश ऐसे साइबर अटैक से निपटने में कितना तैयार है. इस पर साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने जवाब दिया है. उन्होंने बताया कि देश को किन चीजों का ध्यान रखना होगा. आइए इसके बारे में जानते हैं.


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एम्स के सर्वर पर साइबर अटैक चिंताजनक


एम्स के सर्वर पर हुए साइबर अटैक पर साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने कहा कि मेरा मानना है कि एम्स पर जो रैंसमवेयर अटैक हुआ, वह भारत की संप्रभुता, अखंडता और सिक्योरिटी पर हमला है. ये किसी हॉस्पिटल पर हमला नहीं है, देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान पर अटैक है. एम्स एक ऐसा स्थान है, जहां आम नागरिकों के अलावा बड़े-बड़े नेताओं, जजों और अफसरों से जुड़े डेटा उपलब्ध हैं. इसमें पीएम से लेकर पूर्व प्रधानमंत्रियों तक के डेटा शामिल हैं. इस डेटा का गलत तरीके से इस्तेमाल भी हो सकता है. इन लोगों को निशाना बनाया जा सकता है. इसे बड़े परिप्रेक्ष्य में देखें, केवल एक रैंसमवेयर अटैक के रूप में नहीं.


साइबर हमले के पीछे मकसद


साइबर हमलों के पीछे की मंशा पर साइबर एक्सपर्ट ने कहा कि ‘डेटा इकोनॉमी’ के इस युग में मकसद एक ही है कि इससे डेटा पाया जाए और फिर उसे बेचकर कमाई की जाए. लेकिन जब इस तरह का अटैक एम्स पर होता है तो मकसद कुछ और होता है. यह हमला ‘बाहरी तत्व’ करते हैं. ऐसे हमले इसलिए भी होते हैं कि किसी देश की इकोनॉमी की प्रगति को झटका दिया जाए, उसकी गति को रोका जाए. यह एक सोची-समझी साजिश है.


एक समर्पित मंत्रालय की जरूरत


साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने कहा कि देश को मजबूत कदम उठाने होंगे. इसको लेकर राष्ट्रीय नीति बनने के अलावा साइबर सुरक्षा के लिए एक समर्पित मंत्रालय भी होना चाहिए, जो केवल साइबर सिक्योरिटी से जुड़े मामलों के लिए हो. आज साइबर सिक्योरिटी से जुड़े मामले अलग-अलग मंत्रालयों में बंटे हुए हैं.


(इनपुट- भाषा)


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