Rajasthan Congress Crisis: कांग्रेस पार्टी को भले ही मल्लिकार्जुन खड़गे के रूप में नया अध्यक्ष मिल गया हो लेकिन राजस्थान में पार्टी में जारी घमासान अभी खत्म नहीं हुआ है. शनिवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक ऐसा बयान दिया जिससे राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की चर्चाओं को फिर जोर मिल गया.


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कृष्णम ने जयपुर में कहा, 'मैं इतना कह सकता हूं कि कांग्रेस नेतृत्व का जो फैसला होगा उसे पार्टी का हर विधायक मानेगा और राजस्थान को बहुत जल्द एक अच्छा सवेरा देखने को मिलेगा.'


कृष्णम को पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी नेताओं में एक माना जाता है. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि कुछ दिन पहले ही पायलट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की 'बड़ाई' किए जाने पर कटाक्ष करते हुए इसे 'रोचक घटनाक्रम' बताया और पार्टी आलाकमान से राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर 'अनिर्णय' की स्थिति को समाप्त करने का आग्रह किया था.


गहलोत के वफादार विधायकों ने की थी बगावत
उल्लेखनीय है कि 25 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक बुलाई गई थी. इसे कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव से पहले राज्य में मुख्यमंत्री को बदलने की कवायद के रूप में देखा गया, क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था.


हालांकि, सीएलपी की बैठक नहीं हो सकी क्योंकि गहलोत के वफादार विधायकों ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर समानांतर बैठक की और सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के किसी भी संभावित कदम के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंप दिया.


कृष्णम ने कही यह बात
इस बारे में कृष्णम ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी के जो पर्यवेक्षक यहां आए थे उनमें मल्लिकार्जुन खड़गे खुद शामिल थे, अजय माकन भी शामिल थे. जब वे यहां आए तो यहां जो कुछ हुआ उसमें दूसरे को कुछ कहने की जरूरत नहीं है. सब कुछ पार्टी नेतृत्व के संज्ञान में है.'


इससे पहले भी कृष्णम सचिन पायलट के समर्थन में बयान दे चुके हैं. कृष्णम ने जयपुर में विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी से मुलाकात की.


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