Congress News: सीनियर कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने सवाल उठाया है, 'क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या बेरोजगारी और मुद्रास्फीति?' न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा, 'मुझे किसी भी धर्म से कोई समस्या नहीं है. कभी-कभार मंदिर के दर्शन के लिए जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते. 40 फीसदी लोग बीजेपी को वोट देते हैं और 60 फीसदी लोग बीजेपी को वोट नहीं देते. वह हर किसी के प्रधानमंत्री हैं, न कि किसी पार्टी और यही संदेश भारत के लोग उनसे चाहते हैं.'


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प्रित्रोदा ने कहा, 'उन्हें (लोगों को) तय करना होगा कि असली मुद्दे क्या हैं- क्या राम मंदिर असली मुद्दा है? या बेरोज़गारी एक वास्तविक मुद्दा है. उन्होंने कहा, 'अपने धर्म का पालन करें लेकिन धर्म को राजनीति से अलग रखें.'


ईवीएम पर कही यह बात
पित्रोदा से जब ईवीएम की कार्यप्रणाली पर कुछ विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मैं अपनी पार्टी और गठबंधन के सदस्यों से अनुरोध करूंगा कि वे इस मामले को बहुत गंभीरता से लें. यह कोई साधारण मसला नहीं है. इसे नजरअंदाज न करें क्योंकि 2024 का चुनाव देश का भाग्य तय करेगा.'


इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा, '2024 का चुनाव यह तय करेगा कि भारत भविष्य में क्या रास्ता अपनाएगा. मैं देख रहा हूं कि आज लोकतंत्र कमजोर हो गया है एक देश का पीएम 10 साल तक प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करता, ये बात मुझे परेशान करती है'. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मंदिर में अधिक समय दे रहे हैं, यह मुझे परेशान करता है.'


'चुनाव एक विचार पर लड़ा जाना चाहिए'
इंडिया ब्लॉक के पीएम चेहरे पर बोलते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, 'चुनाव एक विचार पर लड़ा जाना चाहिए. संविधान की रक्षा कौन करेगा? आपके लोकतंत्र को कौन बढ़ाएगा? नौकरियां, आपके स्वास्थ्य की देखभाल और बुनियादी ढाँचा कौन प्रदान करेगा? यह राष्ट्रपति चुनाव नहीं है. यह संसदीय चुनाव है. इसलिए आपके पास चेहरा नहीं बल्कि एक विचार होना जरूरी है. विचार यह है कि हम लोकतंत्र चाहते हैं, हम समावेशन, विविधता चाहते हैं. ये मुद्दे हैं. भारत गठबंधन के पास कई योग्य लोग हैं. कुछ दिखाई दे रहे हैं, कुछ नहीं दिख रहे हैं.'


(इनपुट - ANI)


Photo courtesy: fb/Sam Pitroda