नई दिल्ली: कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की अहम बैठक में हुए बवाल के बाद यह सवाल पूछा जाने लगा है कि क्या वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह पर हैं? सिब्बल ने अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस का नाम हटा दिया है. मालूम हो कि कांग्रेस छोड़ने से पहले सिंधिया ने भी ऐसा ही किया था.  


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कमलनाथ से नाराज चल रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अचानक ही अपने ट्विटर अकाउंट से पार्टी का नाम हटाते हुए खुद को समाजसेवक और क्रिकेट प्रेमी बताया था. इसके बाद उन्होंने विधिवत तौर पर कांग्रेस का ‘हाथ’ छोड़कर ‘कमल’ थाम लिया. अब सिब्बल को लेकर भी ऐसी चर्चा शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि राहुल गांधी से नाराज चल रहे कपिल सिब्बल खुद कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं.



हालांकि, सिब्बल  ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर निशाना साधने के बाद यूटर्न ले लिया है. उन्होंने अपना पुराना ट्वीट डिलीट करते हुए नए ट्वीट में लिखा, ‘राहुल गांधी ने मुझे व्यक्तिगत तौर पर बताया कि ऐसा कोई आरोप उन पर कभी नहीं लगा. इसलिए मैं अपना ट्वीट वापस लेता हूं’.


गौरतलब है कि राहुल गांधी की 'बीजेपी के साथ सांठगांठ' वाली टिप्पणी पर कांग्रेस में बवाल मच गया था. राहुल गांधी के आरोपों पर कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी. गुलाम नबी आजाद ने तो यहां तक कह दिया था कि बीजेपी से सांठगांठ के आरोप साबित हो जाएं तो वो इस्तीफा देंगे. 


मीटिंग के दौरान कांग्रेस पार्टी की नेता सोनिया गांधी ने अपना पद छोड़ने की पेशकश भी की. वहीं राहुल गांधी ने कांग्रेस के उन सीनियर लीडर्स पर हमला बोला, जिन्होंने सोनिया गांधी को खत लिखा था. राहुल गांधी ने कहा कि सोनिया गांधी को उस वक्त पत्र क्यों लिखा गया जब वो अस्पताल में थीं. वहीं उसी दौरान राजस्थान में सरकार बचाने की कवायद चल रही थी.


वैसे, तो कपिल सिब्बल ने पुराना ट्वीट हटाते हुए यह दर्शाने का प्रयास किया है कि सब कुछ ठीक है, लेकिन उनका अपने बायो से कांग्रेस पार्टी का नाम हटा देना अब भी कई सवाल खड़े करता है. कांग्रेस में जैसा माहौल है, उसे देखते हुए यदि अगले कुछ दिनों में सिब्बल पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा.