ISIS Serial Blasts plan in Gujarat: इस्लामिक स्टेट यानी ISIS ने गुजरात के गोधरा में हुए दंगों का बदला लेने के लिए प्लानिंग की थी. इसके लिए आईएसआईएस ने पूरे गुजरात को दहलाने की साजिश रची थी. इसका खुलासा आईएसआईएस मॉड्यूल से जुड़े आतंकी शाहनवाज आलम ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की पूछताछ में किया है. शाहनवाज ने बताया है कि आतंकियों के निशाने पर गुजरात के गांधीनगर के अलावा अहमदाबाद, बड़ोदरा और सूरत शहर था. इसके लिए उसने अपने हैंडलर अबु सुलेमान के कहने पर अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत की घेराबंदी करने का फैसला किया था.


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गोधरा दंगा का बदला लेने के लिए किया जाना था आतंकी हमला


आतंकी शहनवाज आलम को दिल्ली पुलिस ने पिछले साल अक्टूबर में गिरफ्तार किया था. उसके सिर पर 3 लाख रुपये का ईनाम था. अब एनआईए की पूछताछ में शहनवाज ने बताया है कि गोधरा दंगों का बदला लेने के लिए गुजरात में आतंकी हमला किया जाना था. इसके साथ ही आईएस को मालूम है कि गुजरात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य है, इसलिए ये एक प्रमुख क्षेत्र है.


2 दिनों तक अहमदाबाद में रुके थे आईएसआईएस के आतंकी


पूछताछ के दौरान शहनवाज ने बताया कि आईएसआईएस के दो आतंकी ट्रेन से अहमदाबाद पहुंचे और दो दिनों तक यहां रुके. इस दौरान उन्होंने रेलवे स्टेशन, सिनेमा हॉल, विश्वविद्यालय, वीआईपी मार्गों/राजनीतिक नेताओं के मार्गों (हालांकि, उन्हें कोई निर्णायक मार्ग नहीं मिला), अटल पैदल यात्री पुल के साथ-साथ भीड़ भरे बाजार स्थानों का निरीक्षण किया. इसके अलावा उन्होंने बोहरा समुदाय की मस्जिद/दरगाह, अहमदाबाद में मजार/दरगाह, साबरमती आश्रम जैसी जगहों की भी रेकी की थी. दोनों आतंकियों ने इन इलाकों की फोटोग्राफी के साथ-साथ वीडियोग्राफी भी की थी. इस काम के लिए उन्होंने वहां किराये की बाइक ली थी.


गांधीनगर में आरएसएस और विहिप के कार्यलय थे टारगेट


अगले दिन सुबह-सुबह वे गांधीनगर गए और आरएसएस कार्यालय, विहिप कार्यालय, उच्च न्यायालय, जिला अदालत, सत्र न्यायालय, भाजपा कार्यालय का दौरा किया. दोनों ने इन स्थानों की भी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की. इसके बाद शाम को वे वडोदरा गए और रेलवे स्टेशन के पास एक छात्रावास में एक कमरा ले लिया. अगले दिन उन्होंने किराये की स्कूटी ली और जिला कोर्ट, सिविल कोर्ट, रेलवे स्टेशन की रेकी की और वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की.


आतंकियों के टारगेट पर सूरत भी था


उसी शाम उन्होंने स्कूटी वापस की और ट्रेन से सूरत चले गए, जहां उन्होंने किराये पर एक स्कूटी ली. वे सूरत रेलवे स्टेशन के पास एक होटल में रुके थे. अगली सुबह उन्होंने सूरत शहर की रेकी करना शुरू किया. शहर में घूमते समय उन्होंने गलती से सूरत में यहूदी केंद्र देखा और इस स्थान की तस्वीरें खींची और वीडियोग्राफी की. इसके अलावा उन्होंने हीरा बाजार, सूरत जिला अदालत का दौरा किया. उन्होंने मंदिर क्षेत्रों (इस्कॉन मंदिर के पास 7-8 मंदिरों के समूह) का दौरा किया और इन क्षेत्रों की फोटोग्राफी के अलावा वीडियोग्राफी की. उसी शाम वे ट्रेन से मुंबई लौट आए और वहां से पुणे वापस आ गए. अगले दिन उन्होंने सभी दौरा किए गए क्षेत्रों की पीडीएफ/पीपीटी बनाई और रिपोर्ट अबू सुलेमान को भेज दी.


आतंकियों को बस ऑर्डर मिलने का था इंतजार


स्पेशल सेल को शहनवाज ने बताया कि उनको ऑर्डर मिलना था कि प्लान को कैसे अंजाम देना है. लिहाजा वो अपने दोनों साथियों मोहम्मद रिजवान और अरशद वारसी के साथ अपने अपने ठिकानों पर चले गए. मोहम्मद शहनवाज के ऊपर NIA ने 3 लाख का इनाम था. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान में बैठा अबु सुलेमान ISI के कहने पर भारत मे आतंक फैलाना चाहता था, लेकिन सीधे तौर पर ISI का नाम नही आए, लिहाजा आतंकियों को ISIS के नाम पर भर्ती करता है और आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए तैयार करता है. बम कैसे बनाना है, इसकी जानकारी भी देता है. स्पेशल सेल ने इनके पास से कुछ तस्वीरे भी बरामद की है, जिनसे विस्फोटक बनाया जाना था.