Indian Air Force: भारतीय वायुसेना लगातार नई तकनीकों के माध्यम से खुद को अपग्रेड करती रहती है. इसी कड़ी में मिग-29 लड़ाकू विमानों को इजरायली रैम्पेज मिसाइलों से लैस करने की तैयारी चल रही है. ये मिसाइलें दुश्मन के ठिकानों को दूर से ही नष्ट करने में सक्षम हैं. असल में यह मिसाइल लंबी दूरी की है और सुपरसोनिक गति से उड़ सकती है. इसके अलावा, यह जीपीएस गाइडेड है, जिससे यह अपने लक्ष्य पर सटीक रूप से प्रहार कर सकती है. रैम्पेज मिसाइल को भारतीय नौसेना के मिग-29के लड़ाकू विमानों में पहले ही लगाया जा चुका है. अब वायुसेना भी इसे अपने विमानों में शामिल करने जा रही है.


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वायुसेना की ताकत में इजाफा
जानकारी के मुताबिक इस मिसाइल की तैनाती से भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा और उसे दुश्मन के खिलाफ अधिक प्रभावी होने में मदद मिलेगी. रैम्पेज मिसाइल भारत को सीमा पार से दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों पर हमला करने की क्षमता प्रदान करेगी. इस मिसाइल का इस्तेमाल दुश्मन के कम्युनिकेशन एंड कमांड सेंटर, एयर फोर्स बेस, मेंटेनेंस सेंटर या किसी भी तरह की इमारत को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है. रैम्पेज मिसाइल को इजरायली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज ने बनाया है. यह मिसाइल किसी भी मौसम में दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है


फाइटर जेट पर चार रैम्पेज मिसाइल!
इतना ही नहीं एक बार में किसी भी फाइटर जेट पर चार रैम्पेज मिसाइल लगाई जा सकती हैं. यह मिसाइल अपने लक्ष्य से 350 से 550 मीटर प्रति सेकेंड की गति से टकराती है. यानी यह दुश्मन की ओर 21 से 33 किलोमीटर प्रति मिनट की दर से बढ़ती है. यह मिसाइल एक लंबी दूरी की मिसाइल है जो 12,200 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकती है. इसकी मारक क्षमता 150 से 250 किलोमीटर तक है, जिसका अर्थ है कि यह दुश्मन की सीमा के भीतर किसी भी लक्ष्य को भेद सकती है.


उड़ान के दौरान दिशा 
मिसाइल का प्रकार, स्थिति और उपयोग के आधार पर इसकी मारक क्षमता बदल सकती है. उदाहरण के लिए, यदि इसका इस्तेमाल जमीन पर स्थित लक्ष्य को भेदने के लिए किया जाता है, तो इसकी मारक क्षमता कम हो सकती है. यह मिसाइल उड़ान के दौरान अपनी दिशा बदल सकती है, जिससे इसे दुश्मन के रक्षा प्रणालियों को चकमा देना आसान हो जाता है.