Chandrayaan 3 Updates: चंद्रमा पर अपने 2 साथियों के साथ पहुंची `रंभा`, देश के लिए दे रही इस अहम काम को अंजाम
Chandrayaan 3 Latest News: देश के गौरव का प्रतीक चंद्रयान- 3 चांद की सतह पर लैंड हो चुका है और रोवर ने भी अपना काम शुरू कर दिया है. इसके साथ ही अब `रंभा` भी अपने 2 साथियों के साथ मिलकर चांद पर डेटा जुटाने में जुट गई है.
ISRO Latest Updates on Chandrayaan 3: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि चंद्रमा लैंडर के पेलोड चैस्टे, ILSA और रंभा को चालू कर दिया गया है. ये तीनों बढ़िया तरीके से अपना काम करने लगे हैं. इसरो ने बताया कि रोवर गतिशीलता संचालन शुरू हो गया है. सभी गतिविधियां निर्धारित समय पर काम कर रही हैं और सामान्य हैं. अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, रविवार को प्रोपल्शन मॉड्यूल पेलोड SHAPE को चालू किया गया. बुधवार शाम को, भारत का चंद्रमा लैंडर, जो कि चंद्रयान -3 मिशन का हिस्सा है. वह चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित रूप से उतरा.
चंद्रयान- 3 मिशन का एक हिस्सा पूरा
लैंडिंग के साथ, 600 करोड़ रुपये के चंद्रयान -3 मिशन (Chandrayaan 3) का एक बड़ा हिस्सा पूरा हो गया है. शेष भाग चंद्रमा रोवर है जो लैंडर से नीचे लुढ़क रहा है. वह चारों ओर घूम रहा है और उसमें पहले से फिक्स किए गए प्रोग्राम के तहत रिसर्च कर रहा है. एजेंसी के अनुसार चंद्रमा रोवर में लैंडिंग स्थल के आसपास मौलिक संरचना प्राप्त करने के लिए अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) और लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) है.
चांद पर इन चीजों की होगी जांच
इसरो ने कहा कि चंद्रमा पर तापीय चालकता और तापमान को मापने का काम (ChaSTE) करेगा. जबकि लैंडिंग स्थल के आसपास भूकंपीयता को मापने के लिए चंद्र भूकंपीय गतिविधि उपकरण (ILSA) करेगा. इसी तरह प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओं का अनुमान लगाने की जिम्मेदारी रंभा (Rambha) की होगी. इसरो ने कहा कि लैंडर और रोवर का मिशन जीवन 1 चंद्र दिवस या 14 पृथ्वी दिवस है.
रोवर ने चांद पर की सैर
इससे पहले इसरो ने एक ट्वीट में कहा था, 'चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) रोवर: मेड इन इंडिया मेड फॉर मून! सीएच-3 रोवर लैंडर से नीचे उतरा और भारत ने चंद्रमा पर सैर की! गुरुवार को लगभग 12.30 बजे रोवर लैंडर से चंद्रमा की सतह पर लुढ़क गया. यह चारों ओर घूम रहा है.'
चांद पर छाप छोड़ रहा रोवर
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन नायर ने बताया, 'यह चंद्रमा की सतह पर अपनी छाप छोड़ रहा है. इसरो का लोगो और राष्ट्रीय प्रतीक रोवर के पहियों पर उकेरा गया है ताकि जब यह घूमता है तो अपनी छाप छोड़ सके.' उन्नीकृष्णन के अनुसार, रोवर चंद्रमा के नमूने एकत्र करेगा और प्रयोग करेगा और डेटा लैंडर को भेजेगा. दोनों को ऊर्जा देने के लिए सोलर पैनल लगाए गए हैं.
(एजेंसी आईएएनएस)