Nitish Kumar News: मोतिहारी में दिए अपने भाषण पर सीएम नीतीश ने सफाई दी है. उनके मुताबिक, ‘जो कहा गया उसका गलत मतलब निकाल लिया गया, मेरे कहने का मतलब ‘बीजेपी से दोस्ती’ बिलकुल नही था.’ सीएम ने कहा, ‘वहां सभी दलों के नेता मौजूद थे, मीडिया ने जो लिखा और दिखाया उससे दुख हुआ.’


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बता दें हाल ही में सीएम नीतीश ने मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लिया था. इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर भी मौजूद थे.


इस मौके पर मुख्यमंत्री ने मोतिहारी के लिए एक विश्वविद्यालय को मंजूरी देने के लिए केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के साथ अपने संघर्ष के बारे में खुलकर बात की.


पीएम मोदी का नाम लिए बिना नीतीश कुमार ने स्वीकार किया कि यह परियोजना ‘2014 में सत्ता परिवर्तन के बाद ही शुरू हुई क्योंकि यूपीए सरकार ने शुरुआत में इनकार कर दिया, बाद में बहुत मांग करने पर राजी तो हो गई लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी.' उनके इस बयान के बाद अटकलें लगने लगी कि उन्होंने एक बार फिर बीजेपी की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है.


बयान के बाद बीजेपी ने साधा निशाना
नीतीश कुमार के इस बायन के बाद बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोला था. उन्होंने कहा, 'हमारे गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया है कि हमारे दरवाजे नीतीश कुमार के लिए हमेशा के लिए बंद हो गए हैं.'


नीतीश ने मीडिया के सामने आकर दी सफाई
अब नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के सामने ही मीडिया से बात करते हुए इस बयान को लेकर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है. उन्होंने भाजपा से दोस्ती करने को लेकर कुछ नहीं कहा है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय बनवाने के लिए केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार से उन्होंने अनुरोध किया था. लेकिन तब की केंद्र सरकार ने गया के लिए केंद्रीय यूनिवर्सिटी को मंजूरी दी. हालांकि वे मोतिहारी की मांग पर अड़े रहे और बाद में यहां भी बना.


‘गलत तरीके से पेश किया गया बयान ‘
नीतीश कुमार ने कहा कि वे इसी को याद दिलाते हुए यहां हुए कामों और इसमें सबके साथ के बारे में बोल रहे थे लेकिन उनके बयान को भाजपा से दोस्ती के बयान से जोड़ कर गलत तरीके से पेश किया गया.