IT Raid: काले धन के कितने कुबेर? देखिए धीरज साहू से लेकर केके मिश्रा तक का हिसाब
IT Raid Gold Recovery: इनकम टैक्स की हाल की रेड में बहुत सारा कैश मिला है. इस लिस्ट में धीरज साहू के घर हुई रेड में सबसे ज्यादा कैश मिला था. आइए रेड के इन ताजा मामले के बारे में जानते हैं.
IT Raid Cash Recovery: इनकम टैक्स (IT) डिपार्टमेंट ने सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं और बताया है कि उनकी अलग-अलग टीमों ने बिहार समेत कई शहरों से सोना, चांदी और करोड़ों रुपये कैश बरामद किया है. फोटोज में ढेर सारा सोना और रुपये रखे दिख रहे हैं. एजेंसी ने बताया कि DRI ने अररिया, मुंबई, मथुरा और गुरुग्राम से 40 किलोग्राम विदेश से आया सोना, 6 किलोग्राम चांदी और 5.43 किलोग्राम कैश जब्त किया है. इसके साथ ही 12 लोगों की गिरफ्तार भी किया है. पिछले कुछ महीनों में कैश और अवैध संपत्ति की जब्ती के चर्चित मामले कौन से रहे हैं.
धीरज साहू के पास मिला सबसे ज्यादा कैश
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में राज्यसभा सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर रेड हुई थी. यहां कैश से भरे करीब 176 बैग मिले थे. आईटी डिपार्टमेंट की तरफ से कैश रिकवर करने के मामले में ये सबसे बड़ी रेड रही थी. एजेंसी ने करीब 353 करोड़ रुपये कैश बरामद किया था. आपको हैरानी होगी कि धीरज साहू के घर इतना कैश था कि रुपये गिनने वाली कई मशीनें खराब हो गई थीं.
तंबाकू व्यापारी के घर से करोड़ों की जब्ती
कानपुर के तंबाकू व्यापारी केके मिश्रा के दिल्ली वाले घर पर इसी मार्च महीने की शुरुआत में रेड पड़ी थी. इनकम टैक्स ने केके मिश्रा के ठिकानों से करीब 7.5 करोड़ रुपये के जवाहरात, 5-6 करोड़ की कीमत की महंगी घड़ियां जब्त की थीं. इसके अलावा, आईटी ने 60 करोड़ की कीमत की कई कारें भी जब्त की थीं. जिनमें रॉल्स रॉयस फैंटम, मैकलारेन, लैंबॉर्गिनी और फरारी शामिल हैं.
150 करोड़ की टैक्स चोरी
जान लें कि केके मिश्रा पर 150 करोड़ रुपये की चोरी का आरोप है. जानकारी के अनुसार, केके मिश्रा की कंपनी का टर्नओवर करीब 200 करोड़ का है. लेकिन उन्होंने सिर्फ 20-25 करोड़ रुपये का टर्नओवर होने की जानकारी दी थी. इसी के शक के आधार पर रेड हुई और कई बड़े खुलासे हैं.
ग्वालियर में मिला खजाना
इसी महीने एमपी से तो हैरान करने वाली ही खबर आई. दरअसल, ग्वालियर में एक कच्चे मकान की खुदाई हो रही थी. तभी वहां कुछ सिक्के दिखाई दिए, जिसको लेकर पड़ोसियों में ठन गई. सिक्कों के लिए छीना-झपटी मच गई. मारपीट की नौबत तक आ गई. इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा तो पुलिस मजदूरों और पड़ोसियों को हिरासत में लिया. दावा किया जा रहा है कि ग्वालियर में मिले सिक्के ब्रिटिश काल के हैं.