Maharashtra Chunav 2024: चुनावी राजनीति के लपेटे में अब भगवाधारी भी आने लगे हैं. कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को 'गेरुआ' पहनकर राजनीति करने वालों को आड़े हाथों लिया था. खरगे ने कहा कि 'आप संन्यासी हैं या 'गेरुआ' कपड़े पहनते हैं, तो राजनीति से बाहर हो जाएं.' उनके निशाने पर उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ थे. खरगे का बयान धर्मगुरुओें को नागवार गुजरा है. 'जगद्गुरु' रामभद्राचार्य ने ANI से बातचीत में कहा, 'ऐसा कहां लिखा है? क्या गुंडों को राजनीति करनी चाहिए? क्या लोफर लोगों को राजनीति करनी चाहिए?'


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रामभद्राचार्य ने आगे कहा, 'भगवाधारियों को राजनीति करनी चाहिए. भगवा, भगवान का ही एक रंग है. शिवाजी ने उसी भगवा ध्वज को फहराया और पूरे देश और महाराष्ट्र को एक किया. भगवाधारियों को राजनीति करनी चाहिए. सूटेड-बूटेड को भारत में राजनीति नहीं करनी चाहिए...'



खरगे ने क्या कहा था?


कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 10 नवंबर को मुंबई में 'संविधान बचाओ सम्मेलन' के दौरान कहा था, 'कई नेता साधु के वेश में रहते हैं और अब राजनेता बन गए हैं, मुख्यमंत्री भी बन गए हैं. वे 'गेरुआ' कपड़े पहनते हैं और उनके सिर पर बाल नहीं हैं...मैं भाजपा से कहूंगा कि या तो सफेद कपड़े पहनें या यदि आप संन्यासी हैं या 'गेरुआ' कपड़े पहनते हैं, तो राजनीति से बाहर हो जाएं. एक तरफ आप 'गेरुआ' कपड़े पहनते हैं और दूसरी तरफ आप कहते हैं 'बटोगे तो कटोगे'...वे लोगों के बीच नफरत फैला रहे हैं और उन्हें बांटने की कोशिश कर रहे हैं...'


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खरगे ने सोमवार को झारखंड में चुनावी रैलियों के दौरान कहा कि 'एक सच्चा योगी ‘बटेंगे तो कटेंगे’ जैसी भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता. इस भाषा का इस्तेमाल आतंकवादी करते हैं. योगी एक मठ के प्रमुख हैं, भगवा वस्त्र पहनते हैं, लेकिन ‘मुख में राम बगल में छुरी’ में विश्वास करते हैं.' योगी पर सीधा हमला करते हुए खरगे ने कहा कि उन्हें अपना भगवा वस्त्र त्याग देना चाहिए और अन्य राजनेताओं की तरह सफेद वस्त्र पहन लेना चाहिए, क्योंकि वह ‘जो तेरा है वो मेरा है’ में विश्वास करते हैं और जनता को 'मूर्ख' बनाना बंद कर देना चाहिए.