नई दिल्ली: देश के 4,378 शहरों में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए मोदी सरकार जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) को जमीनी स्तर पर शुरू करने जा रही है. 1 फरवरी को आम बजट (Budget 2021) पेश करते हुए अपने भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने जल जीवन मिशन-शहरी (Jal Jeevan Mission- Urban) को शुरू करने की घोषणा की थी. इस मिशन का लक्ष्य 4,378 शहरों में 2.86 करोड़ घरों में नल के जरिए पीने का साफ पानी उपलब्ध कराना है. 


पानी की किल्लत होगी दूर


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शहरी विकास मंत्रालय (Urban Development Ministry) के सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा (Durgashankar Mishra) ने कहा कि शहरों में पानी की किल्लत को दूर करने, ग्राउंड वॉटर लेवल को सुधारने और खराब पानी को रीसाइकल कर दोबारा इस्तेमाल लायक बनाने का मकसद इस मिशन के जरिए पूरा करना है.


उन्होंने कहा कि इस मिशन के शुरू होने से पहले सरकार ने पेयजल सर्वेक्षण की शुरुआत की है. बता दें कि ये पहली बार है जब देश में देश में पेयजल सर्वेक्षण किया जा रहा है. पहले पायलेट प्रॉजेक्ट के तहत 10 शहरों में पेयजल रर्वेक्षण किया जाएगा. आगरा, बादलपुर, भुवनेश्वर, चुरु, कोची, मदुरै, पटियाला, रोहतक, सूरत और टुमकुर में पेयजल सर्वेक्षण किया जाएगा. 


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1-31 मार्च तक होगा पेयजल सर्वेक्षण


दुर्गाशंकर मिश्रा ने बताया कि ये सर्वेक्षण 1 मार्च से 31 मार्च तक किया जाएगा. सर्वेक्षण के जरिए शहरों में पानी के स्त्रोत, उसके सुधार और वॉटर के लेवल का पता लगाया जाएगा. इसके अलावा पानी के डिस्ट्रीब्यूशन और डिस्ट्रीब्यूशन के दौरान होने वाली पानी की बर्बादी को कैसे रोका जाए इसके बारे में रणनीति बनाई जाएगी. 


शहरी विकास मंत्रालय के सचिव के मुताबिक सर्वेक्षण के दौरान पानी की क्वालिटी की भी जांच की जाएगी. ये पता लगाया जाएगा कि क्या वाकई पानी बीआईएस स्टैंडर्ड पर खरा उतरता है या नहीं. इसके अलावा वाटर रीसाइक्लिंग को भी सर्वेक्षण के दायरे में देखा और परखा जाएगा. 


ये है सरकार का लक्ष्य 


दरअसल, सरकार का लक्ष्य है कि जल जीवन मिशन के तहत अगले 2 साल में 1.5 करोड़ घरों में वॉटर कनेक्शन दिए जाएंगे. लेकिन जो पानी पहुंचाया जाए वो क्वालिटी से लेकर हर पैमाने पर खरा उतरे. उसके लिए सरकार पहले पेयजल सर्वेक्षण कर रही है.


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क्या है आगे की योजना? 


पेयजल सर्वेक्षण के फीडबैक के आधार पर शहरी विकास मंत्रालय इस सर्वेक्षण को 500 शहरों तक ले जाएगा. सर्वेक्षण से मिले डेटा, तथ्यों और विश्लेषण के जरिए जल जीवन मिशन को अधिक सफल बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा.