Arshad Madani Statement: कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव में अपने घोषणापत्र में बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कही थी. कांग्रेस के इस वादे पर पूरे चुनाव में खूब बयानबाजी हुई. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे बजरंग बली से जोड़कर बताया. चुनाव तो बीत चुके हैं और परिणाम भी आ चुके हैं. राज्य में कांग्रेस की सरकार भी बन गई है, लेकिन ये मुद्दा अब भी चर्चा का विषय बना हुआ और अब इस पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष सैयद अरशद मदनी ने बयान दिया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मदनी ने क्या कहा?


मदनी ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणापत्र में फ़िरका-परस्त की जमात बजरंग दल को बंद करने की बात कही थी. अगर उन्होंने यह फैसला 70 साल पहले लिया होता तो मुल्क बर्बाद न होता. उन्होंने ऐसा कहा तो इस पर शोर मच रहा था कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इसे दाखिल कर गलती की. मैं समझ था कि गलती नहीं बल्कि अपनी गलती का तदारुक किया जा रहा है. 


उन्होंने कहा, हम ना तो चुनाव लड़ते है ना ही किसी का प्रचार करते हैं, लेकिन हमें अपने देश से मोहब्बत है. हम इसे फलता फूलता देखना चाहते है. मदनी ने कहा, कांग्रेस की लचकदार पॉलिसी की वजह से आज उसकी सत्ता चली गई. कर्नाटक में सिर्फ और सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाकर चुनाव लड़ा गया. कांग्रेस में भी कुछ सांप्रदायिक ताकतें थी जिन्होंने देश का बड़ा नुकसान किया.


मदनी ने कहा, हमारे बुजुर्गों ने जिस देश के लिए कुर्बानी दी उस देश में हमारा जीना मुश्किल किया जा रहा है. आज कांग्रेस कह रही है कि हम बजरंग दल पर पाबंदी लगाएंगे, लेकिन 70 साल पहले अगर इन ताकतों को रोका होता तो आज कांग्रेस का ये हाल ना होता,आज बजरंग दल पर पाबंदी लगती है तो ये 70 साल की गलती कांग्रेस ठीक करेगी.


उन्होंने कहा, कांग्रेस की सरकार के समय मैं राहुल गांधी के पास गया और कहा कि मुसलमान नौजवानों को देशद्रोही बताकर जेल में डाला जा रहा है, क्या आपको मुसलमानों से वोट नहीं लेना ? हमने राहुल से कहा था कि एक कमेटी बनाए जो देखे कि जिन लोगों को एजेंसियां पकड़ती हैं उसकी पहले कमेटी जांच करे और अगर सही पाया जाए तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो, फांसी दी जाए लेकिन बेगुनाह को ना फंसाया जाए. मैंने ऐसे लोगों की पूरी लिस्ट राहुल गांधी को दी. अगले दिन मेरे पास डिप्टी होम मिनिस्टर का फोन आय. मैं उनके पास मिलने गया, मैंने सारी बात डिप्टी होम मिनिस्टर को बताई. उन्होंने सभी एजेंसियों के हेड को बुलाया. 


मदनी आगे कहते हैं कि लेकिन दो महीने में ही ताकतवर स्मप्रदायिक ताकतों ने उस समय के डिप्टी गृह मंत्री को कुर्सी से उतरवा दिया और आज तक भी उस फाइल पर कुछ नहीं हुआ. 


जरूर पढ़ें...


 Vrindavan के इस मंदिर की लोगों से अपील- ढंग के कपड़े पहनकर ही आएं
कांग्रेस ने बड़े-बड़े वादों से जीता जनता का दिल, अब CM सिद्धारमैया के सामने ये बड़ी चुनौतियां