श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में भीषण बर्फबारी (Snowfall) के चलते आवाजाही के सभी रास्ते बंद हो गए हैं. ऐसे में दूरदराज के इलाके में फंसे लोगों के लिए सेना (Indian Army) ही इकलौता सहारा है. 5 जनवरी को कुपवाड़ा के फर्कियां में रात को गर्भवती महिला को घुटने-घुटने तक बर्फ में कंधे पर लादकर सेना ने सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया था. 


आग की खबर पर बचाव के लिए दौड़ पड़े जवान


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वहीं शुक्रवार को किश्तवाड़ की मड़वा घाटी के एक गांव में लगी आग से भी सेना के जवानों ने आम लोगों के जानमाल की रक्षा की. यहां एक प्राइमरी टीचर बशीर अहमद लोन के घर में इंवर्टर की बैटरी फटने से आग लग गई थी. ये आग इतनी भयंकर थी कि कड़ाके की सर्दी में भी इसके बहुत जल्द पड़ोस के दो घरों को अपनी चपेट में ले लिया. जब ये खबर आसपास तैनात सेना के जवानों को मिली तो उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर जरूरी कार्रवाई की. 


ये भी पढ़ें:- सस्ते दामों में गोल्ड खरीदने का मौका, आज ही उठाएं इस स्कीम का फायदा


7 महीने तक सिर्फ सेना का ही सहारा


सबसे पहले पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई. लेकिन उन्हें मौके पर पहुंचने में देरी होते देख जवानों ने तेजी से कार्रवाई की और आग पर काबू पा लिया. जल्द ही पुलिस और नागरिक प्रशासन ने भी राहत कार्रवाई में हिस्सा लेना शुरू कर दिया और हालात को संभाला. बताते चलें कि बर्फबारी के कारण ये इलाका साल के 7 महीने देश के बाकी हिस्सों से कटा हुआ रहता है. इस समय जम्मू से हफ्ते में एक बार पवनहंस हेलीकॉप्टर के जरिए ही इस घाटी के गावों तक पहुंचा जा सकता है. यहां रहने वाले करीब 30,000 लोगों के लिए ये 7 महीने केवल सेना का ही सहारा होता है.


LIVE TV