GPS Tracker Anklet: जमानत पर छूटने वाले आतंक के आरोपी के पैर में पहनाया गया GPS ट्रैकर, क्या है ये डिवाइस?
Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर पुलिस देश की पहली ऐसी पुलिस है जिसने जीपीएस ट्रैकर एंकलेट लगाने की शुरुआत की है. इस डिवाइस का उपयोग दुनिया के कई देशों में होता है.
J&K News: जम्मू कश्मीर पुलिस ने अब जमानत पर रिहा होने वाले आतंकियों के मददगारों और आतंकी गतिविधियों में शामिल आरोपियों की ट्रैकिंग जीपीएस ट्रैकर एंकलेट ( GPS Tracker Anklets) की मदद से शुरू कर दी है. शनिवार को जम्मू कश्मीर पुलिस ने UAPA के मामले में आरोपी खुर्शीद अहमद को जमानत मिलने पर उसके पांव में जीपीएस ट्रैकर एंकलेट को लगाया.
इससे पहले नवंबर में उधमपुर के गुलाम मुहम्मद भट्ट के मामले में जम्मू की NIA कोर्ट ने पहली बार पांव में जीपीएस ट्रैकर एंकलेट लगाने की इजाजत दी थी. भट्ट पर आतंकी संगठनों खास तौर पर हिज्बुल मुजाहिद्दीन की मदद करने का आरोप हैं. इसके साथ ही एक दूसरे मामले में दिल्ली की एनआईए कोर्ट में भी उसका एक केस चल रहा है
जम्मू कश्मीर पुलिस देश की पहली ऐसी पुलिस है जिसने जीपीएस ट्रैकर एंकलेट लगाने की शुरुआत की है. इससे पहले इस तरह के उपकरण का प्रयोग अमेरिका ,ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे देशों में जमानत ,पैरोल साथ ही नजरबंदी के आरोपों में बंद आरोपी की ट्रैकिंग के लिए किया जाता है
जीपीएस ट्रैकर एंकलेट गोल आकार का होता है. ये डिवाइस पायल की तरह पैर में फिट या कहें लॉक हो जाती है. इसकी मदद से पुलिस लागतार उस आरोपी के मूवमेंट को चेक कर सकती है जो जेल से बाहर जमानत पर हो.
जम्मू कश्मीर में आतंकियों और उनकी मददगार जमानत पर छूट कर कहीं दोबारा आतंकियों की मदद ना करें इसके लिए से ट्रैकर प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है.
सुरक्षा एजेंसियां उन्ही मामले में इसका उपयोग करेंगी जिसमे उन्हे आरोपी के बाहर निकल कर गैर कानूनी काम करने की सबसे ज्यादा आशंका है