नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान सीमा पर बुनियादी ढांचा विकसित करने का काम तेजी से चल रहा है, ताकि सीमा पार से घुसपैठ और आतंकवाद जैसी चुनौतियों से बेहतर ढंग से निपटा जा सके. इसी के तहत माछिल सेक्टर (Machil Sector) में 24 घंटे बिजली सप्लाई का काम शुरू हो गया है. आजादी के 73 सालों बाद माछिल के सभी गांवों को 24 घंटे बिजली मिलने जा रही है.


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माछिल सेक्टर कुपवाड़ा जिले (Kupwara District) के अंतर्गत आता है और केरन के बाद 24 घंटे की बिजली आपूर्ति वाला जिले का दूसरा क्षेत्र बन गया है. वर्तमान में माछिल सेक्टर के 9 गांवों को सीमित समय के लिए बिजली प्रदान की जा रही है, लेकिन अब सरकार ने सभी गांवों को चौबीस घंटे बिजली देने का फैसला लिया है. एक महीने से भी कम समय में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का काम पूरा हो जाएगा.


बेहद मुश्किल है काम
अब तक डीजल जेनरेटर (DG) सेट के माध्यम से इन गांवों को बिजली प्रदान की जा रही थी, मगर अब उन्हें पावर ग्रिड के माध्यम से बिजली मिलेगी. सरकार के इस फैसले से हजारों लोग लाभान्वित होंगे. माछिल देश का सबसे उत्तरी और कठिन भूभाग है, यहां बिजली के खंभे खड़ा करना मुश्किल काम है. हालांकि, सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय कर रही है कि आवश्यक ढांचा विकसित हो और लोगों को बिजली उपलब्ध कराई जाए.



25,000 लोग होंगे लाभान्वित 
कुपवाड़ा के जिला कलेक्टर अंशुल गर्ग ने इस संबंध में ट्वीट करके जानकारी दी है. उनका कहना है कि यह एक महीने के भीतर दूसरी बाद उपलब्धि है. इससे पहले केरन में 24 घंटे बिजली की पहल हो चुकी है. गर्ग के मुताबिक, माछिल सेक्टर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति से करीब 25,000 लोग लाभान्वित होंगे. प्रमुख सचिव (ऊर्जा) रोहित कंसल ने भी इस संबंध में एक ट्वीट किया है.



होती रहती है गोलीबारी
गौरतलब है कि माछिल कुपवाड़ा जिला मुख्यालय से करीब 65 किमी दूर है. नियंत्रण रेखा पर स्थित होने के चलते यहां अक्सर गोलीबारी होती रहती है. इसके अलावा, घुसपैठ की आशंका भी रहती है. 24 घंटे बिजली आपूर्ति न केवल माछिल के लोगों के लिए अच्छी खबर है बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी यह बेहद जरूरी फैसला है.