Jammu Kashmir: Sikh Girls के धर्मांतरण से घाटी में उबाल, सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे सिख
कश्मीर (Kashmir) घाटी में धर्मांतरण और अंतरधार्मिक विवाह के मामले ने एक बड़े विवाद की शक्ल ले ली है. सिख (Sikh) समुदाय की तीन लड़कियां मुस्लिम पुरुषों के साथ विवाह किए जाने के बाद लापता हो गई थीं.
श्रीनगर: कश्मीर (Kashmir) घाटी में धर्मांतरण और अंतरधार्मिक विवाह के मामले ने एक बड़े विवाद की शक्ल ले ली है. सिख (Sikh) समुदाय की तीन लड़कियां मुस्लिम पुरुषों के साथ विवाह किए जाने के बाद लापता हो गई थीं. जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक लड़की का पता लगाकर परिवार को सौंप दिया है.
वहीं अन्य दो लड़कियों का पता लगाने और परिवारों को सौंपने की मांग को लेकर सिख समुदाय ने श्रीनगर में कई विरोध प्रदर्शन किए हैं. उन्होंने धर्मांतरण कानूनों में बदलाव की भी मांग की. यह मामला जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के एलजी और गृह मंत्रालय के संज्ञान में भी है.
पुलिस ने एक लड़की को किया बरामद
शहर के श्रीनगर के रैनावारी इलाके में एक सिख लड़की के परिवार ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया है. पुलिस ने बाद में बेटी को बरामद कर कोर्ट में पेश किया. जज ने फैसला किया कि लड़की बालिग है और वह कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र है. हालांकि लड़की के अपहरण के आरोपी शख्स को हिरासत में ले लिया गया है.
अदालत के आदेश के बाद सिख (Sikh) समुदाय ने श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि निर्णय पक्षपातपूर्ण था. उन्होंने आरोप लगाया कि लड़की के माता-पिता को अदालत कक्ष के अंदर नहीं जाने दिया गया. जबकि आरोपी का पूरा परिवार अंदर मौजूद था. लड़की के पिता का कहना है कि हम बहुत तनाव में हैं और हमारी सुनने वाला कोई नहीं है. उनका कहना है कि सरकार हमें सुरक्षा मुहैया कराए ताकि हम सुरक्षित महसूस करें.
पिछले महीने ही लड़की की हुई थी ब्रेन सर्जरी
लड़की के पिता राजिंदर सिंह बाली ने कहा, 'उनकी बेटी नाबालिग है. वह अभी दो महीने पहले ही 18 साल की हुई है. पिछले साल उसकी ब्रेन सर्जरी हुई थी. हमारे मकान की मरम्मत का काम चल रहा था और आरोपी यहां ठेकेदार के रूप में घर की मरम्मत का काम कर रहा था. दो दिन पहले तीन महीनों के बाद उसने मेरा दरवाजा खटखटाया, मुझे धक्का दिया और लात मारी. इसके साथ ही मेरी लड़की को ले गया. उसने कहा कि अगर तुम चिल्लाओगे तो मैं तुम्हें गोली मार दूंगा.'
लड़की के पिता ने कहा, 'बाहर एक कार इंतज़ार कर रही थी और वह मेरी लड़की को ले गया. हम सुबह पुलिस के पास गए. बाद में पुलिस ने कहा कि हमने जंगल से लड़की को बरामद किया है और उसे महिला थाने ले गए हैं. उन्होंने हमें तब तक मिलने नहीं दिया, जब तक वे हमें कोर्ट नहीं ले गए. पुलिस ने हमें कोर्ट रूम में भी घुसने नहीं दिया. उन्होंने हमें रात 11:30 बजे लड़की दी. हम सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं और कोई हमारी नहीं सुनता है.'
हालात परखने एम एस सिरसा श्रीनगर पहुंचे
वही अकाली दल के नेता और दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एम एस सिरसा स्थिति का जायजा लेने के लिए श्रीनगर पहुंचे. मीडिया से बात करते हुए सिरसा ने कहा, 'चार लड़कियों (Sikh Girls) का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया. 18 साल की लड़की की शादी अधेड़ उम्र के आदमी से करवा दी गई. हमें बताया गया कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है. जिला न्यायपालिका ने भी न्याय नहीं दिया. लड़कियों के माता-पिता को अदालत कक्ष के अंदर नहीं आने दिया. जबकि अधेड़ उम्र के व्यक्ति के पूरे रिश्तेदार कोर्ट रूम के अंदर थे ताकि दबाव में आकर लड़की माता-पिता के खिलाफ अपना बयान दे सके. दुनिया भर के हमारे समुदाय के नेताओं ने इस कृत्य की निंदा की है. हमने राज्यपाल को भी लिखा है. हमें इस बात का दुख है कि कश्मीर का बहुसंख्यक समुदाय हमारे साथ नहीं खड़ा है.
उन्होंने कहा हमारी इस मामले में गृहमंत्री से भी बात हुई है. अगर सरकार इन मामलों में कार्रवाई नहीं करती है तो समुदाय के युवा खुद स्थिति से निपट लेंगे. वहीं सिख कमेटी श्रीनगर के अध्यक्ष बलदेव सिंह ने कहा, 'दो लड़कियों को बयान के बाद कोर्ट ले जाया गया. 18 साल की लड़की का निकाह 45 साल के आदमी से करा दिया गया. हम चाहते हैं कि ये सब चीजें रुके.'
घाटी में रहते हैं 60 हजार सिख
उन्होंने कहा, ' कश्मीर में हमारी आबादी केवल 60 हजार है. कश्मीर के बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय के साथ हमारा भाईचारा रहा है. हम चाहते हैं कि वे हस्तक्षेप करें और हमारी बेटियों (Sikh Girls) को लौटाएं. हम चाहते हैं कि यहां भी यूपी की तरह धर्मांतरण कानून बने. हम यहां के नेताओं से भी इन चीजों को रोकने के लिए आगे आने की अपील करते हैं. अगर सरकार कुछ नहीं करती है तो हमारे युवा स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.'
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इसी बीच श्रीनगर में बहुसंख्यक मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग भी सिखों (Sikh) के प्रदर्शन में नजर आए. उन्होंने घटना का विरोध करते हुए सरकार से लड़कियों को जल्द से जल्द उनके माता-पिता को सौंपने की मांग की. उन्हीं में से एक व्यक्ति ने कहा, 'हम यहां घटना का विरोध कर रहे हैं. भले ही मैं यहां अपनी बेटी के साथ अकेला हूं. ज्यादा लोग न होने पर भी हम विरोध करेंगे. हम उस सिख लड़की को किसी भी कीमत पर वापस चाहते हैं. सिख भाई हर समय हमारे साथ रहे हैं और हम भी रहेंगे. ये सिख वही हैं, जो बाढ़ के दौरान हमारे बचाव में आए थे.
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