पूर्व आतंकवादी, अलगाववादी नेता और उनके रिश्तेदार लड़ेंगे जम्मू-कश्मीर चुनाव; अफजल गुरु का भाई भी मैदान में
Jammu-Kashmir Vidhan Sabha Chunav 2024: इस बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव में कई पूर्व आतंकवादी, अलगाववादी नेता और उनके रिश्तेदार चुनावी मैदान में है. इनमें अफजल गुरु (Afzal Guru) का भाई एजाज अहमद गुरु (Ajaz Ahmad Guru) भी शामिल है.
Former Militants and Separatists in JK Polls: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव(Jammu-Kashmir Vidhan Sabha Chunav) की तारीखों का ऐलान हो गया है और इसको लेकर चुनावी हलचल तेज है. चुनाव के लिए सभी पार्टियां जोर-शोर से तैयारियां कर रही हैं. इस बार चुनाव में कई पूर्व आतंकवादी, अलगाववादी नेता और उनके रिश्तेदार चुनावी मैदान में है. इन्होंने हाल ही में एक राजनीतिक समूह तहरीक-ए-आवाम का गठन किया है, जो जम्मू-कश्मीर में एक दशक में होने वाले पहले विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेंगे. वे इस समूह के बैनर तले स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगे. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक तीन चरणों में मतदान होंगे.
समूह में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्य शामिल
यह कदम कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव का संकेत है, क्योंकि अलगाववादी पहले चुनावों का बहिष्कार करते थे, लेकिन अब मुख्यधारा में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं. इस समूह में प्रतिबंधित जम्मू-कश्मीर जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्य शामिल हैं, जिनमें से कई चुनावी दौड़ में शामिल होने की योजना बना रहे हैं. समूह के एक सदस्य आदिल अहमद ने कहा, 'यह एक अच्छी शुरुआत है. हमें समाज में खुद को साबित करने के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए. एक विधायक किसी और की तुलना में बेहतर सामाजिक कार्य कर सकता है.'
अब्दुल रशीद शेख की सफलता से प्रभावित अलगाववादी
टीओआई के अनुसार, इन पूर्व अलगाववादियों का यह फैसला अब्दुल रशीद शेख (Abdul Rashid Sheikh) की सफलता से प्रभावित था, जिन्हें इंजीनियर रशीद के नाम से जाना जाता है. अब्दुल रशीद शेख ने जेल में रहने के बावजूद नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन को लोकसभा चुनावों में हराया था.
अफजल गुरु का भाई भी चुनावी मैदान में
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रमुख हस्तियों में अफजल गुरु (Afzal Guru) का भाई एजाज अहमद गुरु (Ajaz Ahmad Guru) भी शामिल है. बता दें कि अफजल गुरु को 2001 के संसद हमले में उसकी भूमिका के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद साल 2013 में फांसी दी गई थी.
सरजन बरकती भी लड़ सकता है चुनाव
चुनाव लड़ने वालों में एक और जाना-माना नाम सरजन बरकती भी शामिल है, जो वर्तमान में श्रीनगर की जेल में कैद है. सरजन बरकती पर साल 2016 में हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद पत्थरबाजी के विरोध प्रदर्शन आयोजित करने से संबंधित राष्ट्रविरोधी आरोप हैं. अपने अलगाववादी नारों के लिए 'कश्मीरी पाइड पाइपर' के रूप में जाने जाने वाले सरजन बरकती अगस्त 2023 से जेल में हैं, जबकि उनकी पत्नी को भी नवंबर 2023 में आतंकवाद-वित्तपोषण मामले में गिरफ्तार किया गया था. आने वाले दिनों में उसकी बेटी द्वारा चुनाव में उम्मीदवारी की घोषणा किए जाने की उम्मीद है.
अब्दुल रशीद शेख की सफलता को दोहराने का लक्ष्य
आतंकवाद को वित्तपोषित करने के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद बारामुल्ला के सांसद अब्दुल रशीद शेख ने अपने दो बेटों के जरिए अपना चुनावी अभियान चलाया और 4.7 लाख से अधिक वोट हासिल करने में सफल रहे. इसका श्रेय काफी हद तक सहानुभूति और कश्मीरी भावना को जाता है. सूत्रों ने बताया कि तहरीक-ए-आवाम के सदस्य इस लहर में एक अवसर देख रहे हैं और राशिद की सफलता को दोहराने का लक्ष्य बना रहे हैं.
राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं मिली है, लेकिन उसने 18 सितंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए लगभग एक दर्जन निर्दलीय उम्मीदवारों की घोषणा की है. जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने संभावित गठबंधन पर चर्चा के लिए राशिद के भाई शेख खुर्शीद और बेटों अबरार और असरार से संपर्क किया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के बीच बनी सहमति
जम्मू-कश्मीर में गठबंधन के तहत नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस में सीट शेयरिंग पर सहमति भी बन गई है. दोनों पार्टियां जम्मू-कश्मीर में मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं. दोनों पार्टियां 85 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारेंगी. सीटों पर बने फॉर्मूले के मुताबिक, नेशनल कांफ्रेंस 51 और कांग्रेस 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. दोनों पार्टियों के बीच 5 सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी. वहीं, सीपीएम और पैंथर्स पार्टी एक-एक सीट पर उम्मीदवार उतारेगी.
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में होंगे चुनाव
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. 5 अगस्त 2019 को धारा 370 खत्म किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित क्षेत्र बना दिया गया था. इसके बाद पहली बार चुनाव होने जा रहे हैं. जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव तीन फेजों में होंगे. पहले चरण में 18 सितंबर को 24 सीटों पर, दूसरे चरण में 25 सितंबर को 26 सीटों पर और तीसरे चरण में एक अक्टूबर को 40 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. वहीं, 4 अक्टूबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे.
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