Jammu Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. केंद्र शासित राज्य के विधायकों की चर्चा हर तरफ हो रही है. जम्मू-कश्मीर के निर्दलीय विधायकों के एक कदम से नेशनल कॉन्फ्रेंस को नई शक्ति मिल गई है. निर्दलीय विधायकों ने जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक तस्वीर को पलट दिया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक दल की बैठक और उसके बाद आए फैसले ने कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं.


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नेशनल कॉन्फ्रेंस को मिला बहुमत


नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) की विधायक दल की बैठक में दो अहम फैसले लिए गए. पहला, उमर अब्दुल्ला को विधायक दल का नेता चुन लिया गया, जो अब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं. दूसरा, चार निर्दलीय विधायकों ने भी नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन किया, जिससे पार्टी की ताकत 46 विधायकों तक पहुंच गई. इससे यह साफ हो गया कि अब नेशनल कॉन्फ्रेंस बिना कांग्रेस के भी सरकार बना सकती है. यह स्थिति कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रही है. क्योंकि अब उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस की शर्तों पर ही सरकार में रहने का निर्णय लेना होगा.


नेशनल कॉन्फ्रेंस की ताकत, कांग्रेस की मुश्किलें


नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 46 विधायकों का समर्थन मिलने के बाद पार्टी ने यह स्पष्ट किया कि वह अब कांग्रेस के बिना भी सरकार बना सकती है. हालांकि, कांग्रेस को नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन जारी रखने का एक आखिरी मौका दिया गया है, लेकिन इसके लिए पार्टी को कुछ शर्तें माननी होंगी. सूत्रों के मुताबिक, नेशनल कॉन्फ्रेंस कांग्रेस से दो मंत्री पद और विधानसभा में डिप्टी स्पीकर की कुर्सी की मांग कर रही है, जबकि कांग्रेस को केवल एक कैबिनेट मंत्री पद देने की तैयारी है.


क्या कांग्रेस सरकार में शामिल होगी?


नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार गठन का मामला अब कांग्रेस को तय करना है. उन्हें यह निर्णय लेना होगा कि क्या वे सरकार में शामिल होंगे या नहीं. उमर ने साफ तौर पर कहा कि कांग्रेस के पास अब कोई विकल्प नहीं है और उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस की शर्तों पर ही गठबंधन को आगे बढ़ाना होगा. उमर ने बताया कि 4 निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस की ताकत 46 पहुंच गई है, और कांग्रेस से बातचीत चल रही है.


क्या कांग्रेस को अपनी भूमिका पर फिर से विचार करना होगा?


अब यह स्पष्ट हो चुका है कि कांग्रेस का कश्मीर में बार्गेनिंग पावर समाप्त हो चुका है. पहले कम सीटें जीतकर भी कांग्रेस सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है. कांग्रेस को अपने भविष्य के बारे में जल्द ही निर्णय लेना होगा, क्योंकि अब नेशनल कॉन्फ्रेंस अकेले ही बहुमत हासिल करने की स्थिति में है.


नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों का दावा


नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक सलमान सागर ने कहा कि पार्टी में और भी विधायक शामिल हो सकते हैं. इससे उनकी संख्या 48 तक पहुंच सकती है. जो 53 तक भी जा सकती है. इसका मतलब यह है कि यदि कांग्रेस ने गठबंधन नहीं किया तो एनसी को और भी ज्यादा शक्ति मिल सकती है.


उमर अब्दुल्ला पेश करेंगे सरकार बनाने का दावा


अब यह संभावना जताई जा रही है कि उमर अब्दुल्ला शुक्रवार को राजभवन जाकर राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. जम्मू-कश्मीर में जल्द ही नई सरकार का गठन हो सकता है. लेकिन अब यह तय करना कांग्रेस के हाथ में है कि वह सरकार में रहेगी या नहीं.