Jammu-Kashmir High Alert: सर्दियां बढ़ते ही सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें तेज हो गई हैं. खुफिया इनपुट मिला है कि 4 नए लॉन्च पैड से 120 प्रशिक्षित आतंकियों को जम्मू-कश्मीर के रास्ते भारत भेजने की तैयारी है. इस इनपुट के बाद जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और चप्पे-चप्पे पर जवानों का पहरा बिठा दिया गया है. खुफिया इनपुट के आधार पर कार्रवाई की बात करें तो कुपवाड़ा, बारामुल्ला और बांदीपोरा में लगातार तलाशी अभियान चल रहा है. इसके अलावा ग्राउंड वर्क के आधार पर त्राल और बारामुला से 2 आतंकियों और एक अंडर ग्राउंड वर्कर को गिरफ्तार किया गया है, जबकि सुरक्षा बल लगातार सेंसिटिव इलाकों पर पहरा कर रहे हैं.


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सर्दियों में बढ़ जाती हैं घुसपैठ की साजिश


तलाशी अभियान के साथ सुरक्षा बलों ने सीमा पर भी चौकसी बढ़ा दी है. कई मोबाइल पोस्ट भी बनाई गई हैं. हमले के अलर्ट को लेकर जवान लगातार इन इलाकों में पेट्रोलिंग कर रहे हैं. दरअसल, सर्दियां बढ़ते ही पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की घटनाएं बढ़ जाती हैं. इनपुट है कि इस बार 4 लॉन्च पैड से घुसपैठ की साजिश रची गई है. फिलहाल सुरक्षा एजेंसिया आतंकियों की इस साजिश को नाकाम करने में जुटी हैं.


भारतीय सेना ने संभाला मोर्चा


आने वाले हफ्तों में भारी बर्फबारी की आशंका के साथ, सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर अपनी सतर्कता बढ़ा दी है. खुफिया रिपोर्टों से पता चलता है कि नीलम घाटी में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में एलओसी के पार नए स्थापित 4 लॉन्च पैड पर आतंकवादी गतिविधि में चिंताजनक वृद्धि हुई है क्योंकि आतंकवादी हैंडलर बर्फबारी से पहाड़ी दर्रे बंद होने से पहले केंद्र शासित प्रदेश में सशस्त्र आतंकवादियों की घुसपैठ कराने का लक्ष्य रखते हैं.



सुरक्षाबलों के सूत्रों ने कहा, 'हमें अपनी संबंधित खुफिया एजेंसियों से इनपुट मिला है कि नीलम घाटी में नए स्थापित 4 लॉन्चिंग पैड पर लगभग 120 आतंकवादी पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठन लश्कर, हिज्ब और जैश के संचालकों द्वारा हमारी धरती पर घुसपैठ करने के लिए तैयार हैं, इस इनपुट को ध्यान में रखते हुए हमने अपनी पूरी तैयारी कर ली है और ऐसे सभी प्रयासों को विफल करने के लिए तैयार हैं.


दिसंबर और जनवरी के महीने भारी बर्फबारी के लिए जाने जाते हैं. विशेष रूप से उत्तरी कश्मीर के बारामुल्ला और कुपवाड़ा, बांदीपोरा के जिलों के साथ-साथ जम्मू के राजौरी और पुंछ क्षेत्रों में घुसपैठ मार्गों के माध्यम से आवाजाही को जटिल बनाता है. इसलिए, जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की घटती संख्या को देखते हुए आतंकवादी हैंडलर जम्मू कश्मीर में और अधिक आतंकवादियों को भेजने के लिए बेताब हैं.