नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक सरकारी मेडिकल सेंटर (डिस्पेंसरी) ने प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को भर्ती करने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि इस महिला के पास ना तो आधार कार्ड था और ना ही उसका बैंक में खाता खुला था. प्रसव पीड़ा इतनी ज्यादा थी महिला ने सेंटर के गेट पर ही बच्चे को जन्म दे दिया. बाद में महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया. मेडिकल सुप्रीटेंडेंट कह रहे हैं कि महिला को जिला अस्पताल जाने के लिए कहा गया था लेकिन वह किसी का इंतजार कर रही थी. 


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जौनपुर के शाहगंज इलाके के मेडिकल सेंटर (डिस्पेंसरी) में एक गर्भवती महिला अपने पति के साथ पहुंची थी. जिस वक्त यह महिला सेंटर में पहुंची थी उसे लेबर पेन (प्रसव पीड़ा) हो रहे थे. लेकिन सेंटर के डॉक्टरों ने इस महिला को भर्ती करने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि इसके पास ना तो आधार कार्ड था और ना ही इसका बैंक में खाता खुला था. महिला जैसे ही इस सेंटर से बाहर निकल रही थी तभी उसका दर्द इतना बढ़ गया कि बच्चे का जन्म अस्पताल के गेट पर ही हो गया. इसके बाद आनन-फानन में सेंटर वालों ने महिला और उसकी नवजात बच्ची को सेंटर में उपचार के लिए भर्ती कर लिया. 


 



महिला के पति का कहना है कि वह अपनी पत्नी को सेंटर में भर्ती कराने के लिए लेकर गए थे. लेकिन सेंटर वालों ने कुछ कागजात मांगे जो कि उनके पास नहीं थे. जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें वापस जाने को कहा और जैसे ही वह सेंटर के गेट तक पहुंचे उनकी पत्नी को दर्द बढ़ने लगा और वहीं उन्होंने बच्चे को जन्म दिया. 


 



वहीं मेडिकल सुप्रीटेंडेंट का कहना है कि महिला की हालत गंभीर थी, डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया था. लेकिन वह किसी परिजन के इंतजार में सेंटर के गेट पर खड़ी थी. तभी इस महिला ने बच्चे को जन्म दिया, महिला को तुंरत भर्ती कर लिया गया और महिला और नवजात का इलाज जारी है. मेडिकल सुप्रीटेंडेंट ने कहा है कि इस मामले की जांच की जाएगी और दोषी डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई होगी.