पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा(सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने केंद्रीय मंत्री एवं लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान पर आज आरोप लगाया कि वह अनुसूचित जातियां और अनुसूचित जनजातियां (अत्याचार निवारण) संशोधन विधेयक पारित होने का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं. मांझी ने इसके लिए पासवान की आलोचना की. मांझी ने आरोप लगाया कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान मुज़फ़्फ़रपुर जैसी घटनाओं की भनक उन्हें मिल रही थी जिसको लेकर उन्होंने कार्रवाई करने का मन बनाया था लेकिन नीतीश कुमार ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से ही हटा दिया.


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मांझी ने मांगा सीएम नीतीश का इस्तीफा
उन्होंने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि अगर वे ऐसा नहीं करते तो हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के कार्यकर्ता हर कार्यक्रम में उनका विरोध करेंगे. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीते मंगलवार को अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति एक्ट संशोधन विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद लोकसभा में पेश किया था. सदन में चर्चा के बाद इस बिल को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. दलित संगठनों के बढ़ते विरोध को देखते हुए सरकार ने इस बिल को पहले कैबिनेट के सामने पेश किया.


कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद इसे लोकसभा में पेश किया गया था. अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. सरकार ने जोर दिया कि बीजेपी सरकार हमेशा आरक्षण की पक्षधर रही है और कार्य योजना बनाकर दलितों के सशक्तीकरण के लिए काम कर रही है. लगभग छह घंटे तक चली चर्चा के बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को नकारते हुए ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी.


(इनपुट भाषा से)