Anurag Sharma: झांसी के सांसद अनुराग शर्मा एक बार फिर से बुंदेलखंड का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया  हैं. वे 67वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे है. यह सम्मेलन ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में आयोजित हो रहा है , जहां विभिन्न देशों के संसद सदस्यों के बीच संसदीय लोकतंत्र और शासन के मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा. सांसद शर्मा भारत के सभी विधानसभा और विधान परिषद अध्यक्षों सहित चुनिंदा सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए वहां उपस्थित है  इस उपलब्धि के माध्यम से न केवल बुंदेलखंड, बल्कि पूरा भारत भी गर्व की अनुभूति कर रहा है.


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राष्ट्रमंडल संसदीय संघ में कोषाध्यक्ष के रूप में सांसद अनुराग शर्मा का ऐतिहासिक योगदान


अनुराग शर्मा की पहचान सिर्फ झांसी लोकसभा क्षेत्र के सांसद के रूप में ही नहीं, बल्कि एक कुशल प्रशासक, सफल व्यापारी और अनुभवी राजनेता के रूप में भी है. राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के कोषाध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल ने सीपीए को एक ऐतिहासिक उपलब्धि दिलाई है. उनके नेतृत्व में सीपीए को ब्रिटेन में एक स्थायी संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त हुई, जो इससे पहले एक चैरिटी के रूप में पंजीकृत था. यह बदलाव उनके नेतृत्व के तहत सीपीए के पुनर्गठन और प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे संघ की कार्यशैली और संसाधनों का अधिक प्रभावी तरीके से उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा.


राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (CPA) का इतिहास और इसके उद्देश्य
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की स्थापना 1911 में हुई थी और यह राष्ट्रमंडल में सबसे पुराने संगठनों में से एक है. इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है और इसका मिशन संसदीय लोकतंत्र के संवैधानिक, विधायी, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पहलुओं का ज्ञान बढ़ाना है. सीपीए का उद्देश्य राष्ट्रमंडल के देशों के सांसदों और विधायकों को आपस में जोड़ना और संसदीय प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है.


संघ का काम संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने और शासन के सर्वोत्तम तरीकों को अपनाने में सदस्य देशों की सहायता करना है. इसके सदस्य देशों के विधायकों के बीच अनुभवों के आदान-प्रदान के माध्यम से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाती है.


67वें सीपीए सम्मेलन का मुख्य विषय – 'जुड़े, सशक्त बनाएं, कायम रखें: लचीले लोकतंत्र के लिए पाठ्यक्रम तैयार करना'
सिडनी में आयोजित 67वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन का मुख्य विषय है – "जुड़े, सशक्त बनाएं, कायम रखें: लचीले लोकतंत्र के लिए पाठ्यक्रम तैयार करना". इस सम्मेलन में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को और सशक्त बनाने के लिए विभिन्न देशों के सांसद अपने विचार और अनुभव साझा करेंगे. सम्मेलन का उद्देश्य लचीले और उत्तरदायी लोकतांत्रिक प्रणालियों का निर्माण करना है, जो बदलते समय के साथ प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें.


इस सम्मेलन में सांसद अनुराग शर्मा भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे है, जिसमें विभिन्न राज्यों के विधानसभा और विधान परिषद के अध्यक्ष भी शामिल हो रहे है. यह उनके नेतृत्व की कुशलता का प्रतीक है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की संसद और संसदीय प्रक्रियाओं की प्रतिष्ठा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.


न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया की गवर्नर से शिष्टाचार भेंट करते सांसद अनुराग शर्मा.

अनुराग शर्मा: बुंदेलखंड से अंतरराष्ट्रीय मंच तक
सांसद अनुराग शर्मा का सफर एक प्रेरणादायक कहानी है. वे बुंदेलखंड के हृदय कहे जाने वाले झांसी से सांसद हैं और उनकी कार्यशैली ने उन्हें एक कुशल प्रशासक और लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित किया है. वे क्षेत्र की समस्याओं को समझने और उनके समाधान के प्रति हमेशा तत्पर रहे हैं. उनकी स्वच्छ छवि और जनता के प्रति उनकी संवेदनशीलता ने उन्हें क्षेत्र के लोगों के दिलों में एक खास जगह दिलाई है.


अपने राजनीतिक जीवन के साथ-साथ, वे एक सफल व्यवसायी भी हैं. उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया गया है, जिससे क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास हुआ है. वे बुंदेलखंड के ऐसे पहले सांसद हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई और भारत के लिए कई महत्वपूर्ण दायित्व निभाए.


सीपीए के कोषाध्यक्ष के रूप में उनके योगदान की महत्वपूर्ण बातें
सांसद अनुराग शर्मा को 2022 में तीन साल के लिए सीपीए के कोषाध्यक्ष के रूप में निर्वाचित किया गया था, जो भारत के लिए 17 साल बाद एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी. उनके कार्यकाल के दौरान सीपीए ने विभिन्न संसदीय प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करने के लिए कई बड़े कदम उठाए. हाल ही में, सीपीए को ब्रिटिश सरकार द्वारा एक्ट बनाने के लिये एक बिल ब्रिटिश पार्लियामेंट में बिल लाया गया है.


यह संशोधन सीपीए की कार्यशील पूंजी निधि के ट्रस्ट डीड को आधुनिक चैरिटी गवर्नेंस मानकों के अनुरूप बनायेगा है, जिससे निधि के प्रशासनिक ढांचे और प्रक्रियाओं में सुधार होगा. जिससे संघ की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और गवर्नेंस को सुधारने का मार्ग प्रशस्त हुआ. जिसके फलस्वरुप कोषाध्यक्ष एक ऑवर्जवर की भूमिका में होंगे सीपीए की कार्यशील पूंजी निधि से संसदीय लोकतंत्र सुदृढ़ करने और सदस्य देशों के विकास के लिये पूंजी उपलब्ध कराने सहित संघ की प्रतिबद्धताओं को मजबूत करेगा. सीपीए के पदाधिकारियों को राजदूतों की तरह इम्युनिटी प्राप्त हो सकेगी.


भारत से गए प्रतिनिधि मंडल को जानकारी साझा करते राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के कोषाध्यक्ष एवं भारतीय प्रतिनिधि मंडल के प्रमुख झांसी सांसद अनुराग शर्मा.

भारत से आए प्रतिनिधिमंडल को किया ब्रीफ
सम्मेलन में भाग लेने के लिए सिडनी पहुंचे भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए अनुराग शर्मा ने आगामी कार्यक्रम की संपूर्ण जानकारी साझा की. उन्होंने राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के कोषाध्यक्ष और भारतीय डेलिगेशन के प्रमुख के रूप में सभी प्रतिनिधियों को विभिन्न सत्रों और चर्चाओं की जानकारी दी. भारत के विभिन्न राज्यों, जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों के विधानसभा और विधान परिषद के अध्यक्षगण, माननीय सांसदगण और भारत सरकार के अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित रहे.


इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल न केवल देश का मजबूत प्रतिनिधित्व करेगा, बल्कि वैश्विक मुद्दों पर संवाद और विचार-विमर्श में सक्रिय भागीदारी भी निभाएगा.'


न्यू साउथ वेल्स की गवर्नर मार्गरेट बेज़ले से शिष्टाचार भेंट
अपनी सिडनी यात्रा के दौरान सांसद अनुराग शर्मा ने न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया की गवर्नर महामहिम मार्गरेट बेज़ले ए.सी. के.सी. से मुलाकात की. इस शिष्टाचार भेंट के दौरान सांसद शर्मा और गवर्नर मार्गरेट बेज़ले के बीच साझा हितों और संभावित सहयोगों पर गहन चर्चा हुई. 


यह मुलाकात सांसद शर्मा की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली उपस्थिति को और मजबूत बनाती है और भारत तथा ऑस्ट्रेलिया के संबंधों में सहयोग और विकास के नए अवसर उत्पन्न करती है.


राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की एक्जीक्यूटिव कमेटी की संयुक्त तस्वीर.

संशोधन और आधुनिकीकरण का प्रभाव
यह संशोधन सीपीए की कार्यशील पूंजी निधि के ट्रस्ट डीड को आधुनिक चैरिटी गवर्नेंस मानकों के अनुरूप बनायेगा है, जिससे निधि के प्रशासनिक ढांचे और प्रक्रियाओं में सुधार होगा. जिससे संघ की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और गवर्नेंस को सुधारने का मार्ग प्रशस्त हुआ. जिसके फलस्वरुप कोषाध्यक्ष एक ऑवर्जवर की भूमिका में होंगे सीपीए की कार्यशील पूंजी निधि से संसदीय लोकतंत्र सुदृढ़ करने और सदस्य देशों के विकास के लिये पूंजी उपलब्ध कराने सहित संघ की प्रतिबद्धताओं को मजबूत करेगा . सीपीए के पदाधिकारियों को राजदूतों की तरह इम्युनिटी प्राप्त हो सकेगी.


ट्रस्ट डीड में किए गए संशोधन संघ के मिशन को और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह संशोधन संघ की शासन व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाता है, जिससे संघ की गतिविधियों में भी वृद्धि होगी. यह संशोधन राष्ट्रमंडल के विभिन्न देशों में संसदीय लोकतंत्र और शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किए गए थे, जिससे ट्रस्टियों को संघ के कार्यों को कुशलतापूर्वक क्रियान्वित करने में मदद मिलेगी.


इसके अलावा, सीपीए के फंड का उपयोग संसदीय लोकतांत्रिक प्रणालियों के भीतर शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा. इससे संसदीय प्रक्रियाओं को मजबूत करने के साथ-साथ विधायकों के बीच पारस्परिक संवाद को भी बढ़ावा मिलेगा.


सांसद अनुराग शर्मा का नेतृत्व और उनकी उपलब्धियां झांसी और बुंदेलखंड के लिए गर्व का विषय हैं. उनके नेतृत्व में सीपीए ने एक स्थायी संस्था के रूप में अपनी मान्यता प्राप्त की है, जो संसदीय लोकतंत्र और शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है. उनकी यह उपलब्धि न केवल बुंदेलखंड बल्कि पूरे भारत के लिए भी एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक मील का पत्थर है.


राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की एक्जीक्यूटिव कमेटी में संबोधन देते राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के कोषाध्यक्ष एवं भारतीय प्रतिनिधि मंडल के प्रमुख झांसी सांसद अनुराग शर्मा.

उनकी यह सफलता क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय लोकतंत्र को और सशक्त बनाने में एक अहम भूमिका निभाएगी. 67वें राष्ट्रमंडल संसदीय संघ सम्मेलन में उनका नेतृत्व भारत के संसदीय लोकतंत्र की शक्ति और प्रभाव को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करेगा, जिससे भारत की वैश्विक राजनीति में स्थिति और मजबूत होगी.


इस प्रकार, सांसद अनुराग शर्मा का कार्यकाल बुंदेलखंड के गौरव और भारत की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को नए आयाम प्रदान कर रहा है.