Governor CP Radhakrishnan: झारखंड में जारी सियासी सरगर्मी पल-पल दिलचस्प मोड़ ले रही है. इसी कड़ी में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सोरेन सरकार पर सीधा हमला बोल दिया है. राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर उन्होंने तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि राजभवन राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति पर गहराई से नजर रख रहा है. दुर्भाग्य से यह बिगड़ती जा रही है और यह स्थिति दर्दनाक है. राज्यपाल मंगलवार को राजभवन में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से मुखातिब थे. उन्होंने हेमंत सोरेन का नाम लिए बगैर कहा कि जिन्होंने भी गलत किया है, उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा. फिर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम के कुछ देर बाद राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन मंगलवार को अपने गृह राज्य तमिलनाडु के लिए रवाना हो गए. वे 8 जनवरी को वापस लौटेंगे.


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घटनाक्रम पर क्या बोले हेमंत सोरेन?
इधर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों के बीच, राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा नीत गठबंधन ने बुधवार को यहां अपने विधायकों की बैठक बुलाई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय के हालिया समन और सोमवार को झामुमो के एक विधायक सरफराज अहमद के अचानक इस्तीफे के बाद ये अटकलें तेज हो गई हैं. इस बीच मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पत्नी के विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना सिर्फ भाजपा की कल्पना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा झूठा विमर्श पेश कर रही है कि वह राज्य की सत्ता अपनी पत्नी को सौंप देंगे. विपक्षी बीजेपी ने आरोप लगाया है कि अहमद से इस्तीफा दिलवाया गया है ताकि सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई की स्थिति में मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन उनकी सीट गांडेय से चुनाव लड़ सकें. 


सोरेन ने पार्टी विधायकों की मीटिंग बुलाई है
उधर सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने गठबंधन दलों के मंत्रियों और विधायकों को लिखे गए पत्र में कहा कि तीन जनवरी को शाम 4.30 बजे मुख्यमंत्री आवास पर गठबंधन सहयोगियों के विधायकों की बैठक बुलाई गई है. कृपया बैठक में समय पर भागीदारी सुनिश्चित करें. झामुमो सूत्रों ने कहा कि सोरेन को ईडी के समन की पृष्ठभूमि में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा के साथ-साथ एक रणनीति तैयार करने के लिए बैठक बुलाई गई है. बिना कोई कारण बताए अहमद के अचानक इस्तीफे से यह अटकलें लगायी जाने लगी हैं कि सोरेन इस्तीफा दे सकते हैं और अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनवा सकते हैं और कल्पना रिक्त हुई सीट से चुनाव लड़ सकती हैं.


ईडी और सोरेन की लुकाछिपी!
उधर ईडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री सोरेन को अपने नए समन में उनसे जांच अधिकारी को अपनी पसंद की तारीख, स्थान और समय के बारे में सूचित करने के लिए कहा है ताकि धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया जा सके. ईडी के अनुसार, जांच झारखंड में "माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व में अवैध परिवर्तन के एक बड़े रैकेट" से संबंधित है. सोरेन ने केंद्र सरकार पर लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करने का आरोप लगाते हुए ईडी के पहले के छह समन को नजरअंदाज कर दिया है. सातवां समन पिछले साल दिसंबर में जारी किया गया था. 


बीजेपी का क्या कहना है
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन से मिलेगा और उनसे अनुरोध करेगा कि अगर हेमंत सोरेन सरकार मुख्यमंत्री की पत्नी को उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव रखती है तो वह कानूनी विशेषज्ञों और अटॉर्नी जनरल से सुझाव मांगें. मरांडी ने कहा कि जमीन और धन शोधन घोटाले में कथित तौर पर शामिल सोरेन द्वारा अपनी पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाने का कोई भी प्रयास लोकतंत्र का मजाक होगा. 


निशिकांत दुबे की ट्विटर पोस्ट ने बढ़ाई हलचल
उधर गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को सोशल मीडिया एक पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी परेशान, उनके सचिव चौबे जी से लेकर महाधिवक्ता मिश्रा जी गांडेय उप चुनाव कराने के लिए परेशान, विधायक दल की बैठक कल है, राज्यपाल के पास अपना इस्तीफा और कल्पना सोरेन जी को विधायक दल का नेता बनाने वाला पत्र राज्यपाल महोदय को एक साथ देने की तैयारी है. उन्होंने यह भी लिखा कि झारखंड के राज्यपाल से विनम्र निवेदन है कि कानूनी सलाह के बाद ही निर्णय लें.


विधानसभा का समीकरण क्या है?
झारखंड विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 47 सदस्य हैं जिनमें झामुमो के 29, कांग्रेस के 17 और राजद के एक विधायक हैं. विपक्षी भाजपा के 26 और आजसू पार्टी के तीन सदस्य हैं. दो निर्दलीय विधायकों के अलावा राकांपा और भाकपा (माले) के एक-एक विधायक हैं.